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Bilaspur High Court: राज्यपाल की सहमति और नोटिफिकेशन के बगैर,कैसे गठित कर दी नगरपालिका, हाई कोर्ट ने अफसरों से मांगी जानकारी...

Bilaspur High Court: याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ म्युनिसिपल एक्ट 1961 की धारा 5 के तहत बांकीमोंगरा को नगर पालिका परिषद गठित करने के संबंध में नोटिफिकेशन प्रदेश के राज्यपाल के नाम से जारी करना चाहिए। लेकिन इस तरह का कोई भी नोटिफिकेशन राज्यपाल के नाम से जारी नहीं किया गया है। पढ़िए किस जिले में राज्य सरकार ने नगरपालिका का गठन नियमों से परे जाते हुए कर दिया है। इस पर हाई कोर्ट का आदेश क्या है।

Bilaspur High Court: राज्यपाल की सहमति और नोटिफिकेशन के बगैर,कैसे गठित कर दी नगरपालिका, हाई कोर्ट ने अफसरों से मांगी जानकारी...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। कोरबा नगर निगम के आठ वार्ड को अलग कर बनाए गए बांकीमोगरा नगर पालिका की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए दायर याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने बांकीमाेगरा नगर पालिका के वित्तीय अधिकारी पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने राज्य शासन,कोरबा नगर निगम कमिश्नर, संचालन समिति के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्यों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नगरपालिका के गठन के संबंध में अपनाई गई प्रक्रिया को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है।

नगर निगम कोरबा के 8 वार्डों को मिलाकर बांकीमोंगरा को नगर पालिका का दर्जा दिया गया है। बांकीमोगरा को नगरपालिका बनाने के लिए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य शासन ने बांकीमोगरा को नगरपालिका का दर्जा देने के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी। विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सरकार बदल गई। भाजपा की सरकार काबिज हो गई। राज्य की सत्ता संभालने के बाद सरकार ने नगर पालिका परिषद बांकीमोगरा की संचालन समिति की घोषित किया। संचालन समिति में पांच पार्षदों को शामिल किया गया। बांकीमोगरा नगरपालिका के संचालन के लिए संचालन समिति बनाने के बाद राज्य सरकार ने पार्षदों का मानदेय बंद कर दिया। राज्य शासन के इस फैसले को चुनौती देते हुए पार्षद पवन कुमार गुप्ता, अजय प्रसाद, शाहिद कुजूर, कौशल्या और राजकुमारी कंवर ने हाई कोर्ट में अधिवक्ता जूही जायसवाल के माध्यम से याचिका दायर की है।

0 याचिकाकर्ताओं ने कहा-बगैर नोटिफिकेशन कर दिया गठन

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में संवैधानिक पहलुओं की ओर हाई कोर्ट का ध्यान खींचते हुए कहा है कि

राज्य शासन ने कोरबा नगर निगम के अंतर्गत आने वाले आठ वार्ड को अलग कर बांकीमोगरा नगर पालिका का दर्जा दे दिया। याचिका के अनुसार राज्य शासन ने इसके लिए विधिवत नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया है।

0 राज्य शासन ने की ये बड़ी चूक

याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ म्युनिसिपल एक्ट 1961 की धारा 5 के तहत बांकीमोंगरा को नगर पालिका परिषद गठित करने के संबंध में नोटिफिकेशन प्रदेश के राज्यपाल के नाम से जारी करना चाहिए। लेकिन इस तरह का कोई भी नोटिफिकेशन राज्यपाल के नाम से जारी नहीं किया गया है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने बांकीमोगरा नगर पालिका के वित्तीय अधिकार पर रोक लगा दी है।

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