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Bilaspur High Court: फार्मेसी कॉलेजों को राहत: रिफॉर्म के लिए 6 महीने की मोहलत, हाई कोर्ट ने दी सशर्त मंजूरी, जानिए पूरा मामला

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों को बड़ी राहत देते हुए डी. फार्मेसी और बी. फार्मेसी कोर्स में 60 सीटों पर एडमिशन की सशर्त अनुमति दे दी है।

Bilaspur High Court: फार्मेसी कॉलेजों को राहत: रिफॉर्म के लिए 6 महीने की मोहलत, हाई कोर्ट ने दी सशर्त मंजूरी, जानिए पूरा मामला
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हाई कोर्ट ने प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों को बड़ी राहत देते हुए डी. फार्मेसी और बी. फार्मेसी कोर्स में 60 सीटों पर एडमिशन की सशर्त अनुमति दे दी है। रिफॉर्म के लिए कॉलेजों को 6 महीने की मोहलत दी है। इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो यूनिवर्सिटी को कार्रवाई करने के लिए कोर्ट ने फ्रीहैंड कर दिया है।

हाई कोर्ट ने प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों को बड़ी राहत देते हुए डी. फार्मेसी और बी. फार्मेसी कोर्स में 60 सीटों पर एडमिशन की अनुमति दे दी है। यह आदेश शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए लागू रहेगा। हाई कोर्ट ने कहा है कि कॉलेजों को अपने संस्थानों में मौजूद कमियों को छह महीने के भीतर सुधारना होगा, ऐसा नहीं करने पर आदेश स्वतःनिरस्त हो जाएगा।

प्रदेश के 8 फार्मेसी कॉलेजों ने छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय CSVTU के 3 अक्टूबर 2025 को जारी आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी। यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों की सीटें घटाकर 60 से 30 कर दी थी। याचिकाकर्ता कॉलेज प्रबंधन का कहना था कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पहले ही 60 सीटों की मंजूरी दी है, और विश्वविद्यालय को इसे घटाने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने विश्वविद्यालय के निर्णय को मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया था।

स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय की ओर से बताया गया कि 1 अक्टूबर को कार्य परिषद की 134वीं बैठक में निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया था। निरीक्षण में कई कॉलेजों में प्रिंसिपल और फैकल्टी की कमी जैसी खामियां पाई गईं थीं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कॉलेजों को राहत देते हुए कहा कि फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया की अधिसूचना के अनुसार फिलहाल 60 सीटें ही स्वीकृत रहेंगी। कॉलेज इन सीटों पर 2025-26 सत्र के लिए काउंसिलिंग में भाग ले सकेंगे। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि छह महीने में सभी खामियां दूर नहीं की गईं, तो यह आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा और विश्वविद्यालय को कार्रवाई का पूरा अधिकार रहेगा।

फ्लैशबैक

छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी CSVTU ने तकरीबन 52 फार्मेसी कॉलेजों की 50 फीसदी सीटों में कटौती कर दी थी। इसके चलते ढ़ाई हजार सीटें कम हो गई है। सीएसवीटीयू की टीम ने जब इन कॉलेजों का निरीक्षण किया तो कई कॉलेजों में रेगुलर शिक्षकों की संख्या कम पाई थी। कई कॉलेज ऐसे थे जहां नियमित प्रिंसिपल भी नहीं थे। निजी फार्मेसी कॉलेज समूह ने की थी शिकायत

CSVTU प्रशासन के इस निर्णय के खिलाफ निजी फार्मेसी कॉलेज समूह ने राज्य शासन को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में लिखा है कि निजी फार्मेसी महाविद्यालयों की निरीक्षण के पश्चात, छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने नियम विरुद्ध अनेक फार्मेसी कॉलेजों की 50% सीटे घटा दी है, जो कि किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के द्वारा यह कहा जा रहा है कि कॉलेजों के निरीक्षण में कही- कही नियमित शिक्षको की कमी और कही- कही नियमित प्रिंसिपल भी नहीं है। इसी कारण से निजी फार्मेसी कॉलेजों की सीटे कम की गयी है।

निजी विश्विद्यालयों की मनमानी

पत्र में लिखा है कि इसका वास्तविक कारण छत्तीसगढ़ के निजी विश्वविद्यालयों में संचालित होने वाले फार्मेसी पाठ्यक्रम है। पहले तो इन निजि विश्वविद्यालयो ने तकनीकी शिक्षा विभाग की अनुमति लिए बिना फार्मेसी पाठ्यक्रम प्रारंभ कर दिया और मनमाने तरीके से फीस व सीट बढ़ा दी। चूँकि इन निजी विश्वविद्यालयों को वार्षिक जांच करने वाली राज्य स्तर पर कोई एजेंसी नहीं है,और न ही इनके परिसर में उपलब्ध सुविधाएं जैसे लैब, लाइब्रेरी, क्लास रूम, प्राचार्य एवं अन्य शिक्षक की उपलब्धता है, चूँकि इन निजी विश्वविद्यालयों में फार्मेसी पाठ्यक्रम की सीट अधिक होने व इनके पाठ्यक्रम की फीस अधिक होने के कारण इनमे प्रवेश नहीं हो पा रहा है।

पत्र में इस बात की जताई आशंका

पत्र के अनुसार इन कतिपय समूहों के द्वारा स्वामी विवेकानंद टेक्निकल विश्वविद्यालय के माध्यम से दबाव बनाकर इस तरह से नियम विरुद्ध निजी फार्मेसी कॉलेजों की सीटे कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

टेक्निकल विश्वविद्यालय द्वारा उक्त लिए गए निर्णय का निजी फार्मेसी कॉलेज समूह पुरजोर विरोध करता है, और यूनिवर्सिटी के द्वारा लिए गए इस गलत निर्णय को वापस करने की मांग करता है।

रिफार्म के लिए 6 महीने की मोहलत

अफसरों का कहना है कि जिन कॉलेजों में कमियां पाई गई उनकी सीटें कम की गई, साथ ही इसे सुधारने के लिए छह महीने का समय दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी (सीएसवीटीयू) की ओर से सत्र 2025-26 के लिए 100 से अधिक कॉलेजों को संबद्धता दी गई है। व्यापमं की ओर से मई में फार्मेसी प्रवेश परीक्षा 2025 का आयोजन किया गया था। इसमें 16422 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। नतीजे जून में जारी हुए थे।

पिछली बार बी. फार्मेसी की 4178 और डी. फार्मेसी 5151 सीटें थीं। इस बार फार्मेसी की सीटें कम होंगी। पिछली बार बी. फार्मेसी की 4178 सीटें थी। इसमें से 1916 में एडमिशन हुए थे। 2262 खाली थी। डी. फार्मेसी की 5151 सीटों में से 4679 में प्रवेश हुए थे। 502 खाली थी। इस तरह से दोनों कोर्स में 9329 सीटें थी।

नियुक्ति के लिए डेडलाइन तय

सीएसवीटीयू के रजिस्ट्रार डॉ. अंकित अरोड़ा का कहना है कि 50 से अधिक फार्मेसी कॉलेजों में नियमित शिक्षकों की कमी पाई गई। कई कॉलेजों में नियमित प्रिंसिपल भी नहीं थे। इस वजह से इनकी 50 प्रतिशत सीटों में कटौती करने का कार्यपरिषद ने निर्णय लिया। इन कॉलेजों को छह महीने के अंदर नियमित शिक्षक और प्रिसिंपल की नियुक्ति करनी होगी।

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