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Bilaspur High Court News: लापरवाही पूर्वक इलाज के आरोप में एसडीएम ने हॉस्पिटल को किया सील, हाईकोर्ट ने दिया सील खोलने का आदेश...

Bilaspur High Court News: गलत इलाज के आरोप में नर्सिंग होम को एसडीएम ने सील कर दिया था। इसके खिलाफ नर्सिंग होम संचालक ने हाईकोर्ट में आशिक लगाई थी। याचिका में बताया गया कि बगैर कोई पूर्व सूचना के एसडीएम ने सील लगाया है। उन्हें सील लगाने का अधिकार भी नहीं है। हाईकोर्ट ने तत्काल सील खोलने का आदेश दे संबंधितों से जवाब मांगा है।

Bilaspur Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। गलत और लापरवाहीपूर्ण इलाज के आरोप में एसडीएम ने हॉस्पिटल को सील कर दिया था। अनुविभागीय दंडाधिकारी के आदेश के खिलाफ नर्सिंग होम संचालक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नर्सिंग होम का सील खोलने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

मातृ केयर हॉस्पिटल सरायपाली के संचालक शिबाशीष बेहरा के विरुद्ध प्रशांत कुमार साहू ग्राम छिंदपाली तहसील सरायपाली निवासी द्वारा लापरवाही पूर्ण इलाज करने के कारण उसकी पत्नी विकलांग हो जाने के संबंध में एक लिखित शिकायत थाना सरायपाली जिला महासमुंद में दर्ज कराई गई थी। शिकायत अनुसार शिबाशीष बेहरा द्वारा 10 अक्टूबर 2024 को उसकी पत्नी का ऑपरेशन किया गया जो कि सही तरीके से ना करने के कारण उसे विकलांगता की स्थिति बन गई उपरोक्त शिकायत के आधार पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला महासमुंद द्वारा मातृ केयर हॉस्पिटल के डॉक्टर शिबाशीष बेहरा के विरुद्ध शिकायत की जांच के संबंध में जांच टीम गठित किया गया था। किंतु इसी बीच अनुविभागीय दंडाधिकारी सरायपाली द्वारा बिना किसी सूचना के दिनांक 28 जून 2024 को मातृ केयर नर्सिंग होम को सील कर दिया गया।

मातृ केयर नर्सिंग होम को सील किए जाने के विरुद्ध डॉक्टर शिबाशीष बेहरा द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और अभ्युदय त्रिपाठी के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिका की सुनवाई 22 जुलाई 2025 को जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के न्यायालय में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी द्वारा यह आधार लिया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य नर्सिंग होम और क्लीनिकल स्थापना अधिनियम 2010 की के अनुसार बिना कोई पूर्व सूचना के नर्सिंग होम को सील करने का अधिकार नहीं है। किंतु अनुविभागीय दंडाधिकारी सरायपाली द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर बिना कोई पूर्व सूचना के याचिकाकर्ता के नर्सिंग होम को सील किया जाना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन है।

उपरोक्त आधारों पर माननीय न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अस्पताल का तत्काल सील खोलने का आदेश जारी कर उत्तरवादी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव, कलेक्टर महासमुंद, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद, अनुविभागीय दंडाधिकारी सरायपाली तथा शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

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