Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court News: हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को बदलना पड़ा मेडिकल पीजी में प्रवेश के नियम, अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी सरकार

Bilaspur High Court News: बिलासपुर हाई कोर्ट के डीविजन बेंच के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल पीजी में एडमिशन को लेकर लागू डोमिसाइल आरक्षण की व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा। डॉ समृद्धि दुबे ने राज्य में लागू डोमिसाइल आरक्षण व्यवस्था को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के ताजा निर्णय के बाद मेडिकल पीजी में प्रवेश नियमो में बदलाव करना पड़ा है। हाई कोर्ट के फैसले को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी.

Bilaspur High Court News: हाई कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को बदलना पड़ा मेडिकल पीजी में प्रवेश के नियम, अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी सरकार
X
By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट के डीविजन बेंच के फैसले केबाद छत्तीसगढ़ मेडिकल पीजी में एडमिशन को लेकर लागू डोमिसाइल आरक्षण की व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा। डॉ समृद्धि दुबे ने राज्य में लागू डोमिसाइल आरक्ज़हन व्यवस्था को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के ताजा निर्णय के बाद मेडिकल पीजी में प्रवेश नियमो में बदलाव करना पड़ा है।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 जनवरी 2025 को डॉ. तन्वी बहल बनाम स्टेट ऑफ पंजाब मामले में पारित निर्णय में स्पष्ट रूप से यह घोषित किया गया कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में निवास-आधारित आरक्षण अस्वीकार्य है। राज्य कोटे की सीटों को, उचित संख्या में संस्थान-आधारित आरक्षण के अलावा, अखिल भारतीय परीक्षा में योग्यता के आधार पर सख्ती से भरा जाना होगा।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम, 2021 के नियम-11 प्रवेश में वरियता के नियम (क) राज्य कोटे में उपलब्ध सीटों पर सर्वप्रथम उन अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जायेगा, जिन्होंने या तो छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त की हो, अथवा जो सेवारत अभ्यर्थी हो।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नियमो में हुआ बदलाव

नियम (ख) उपरोक्त उपनियम (क) में उल्लेखित सभी पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश दिये जाने के उपरान्त यदि सीटें रिक्त रह जाती है तो, इन रिक्त सीटों पर, ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जायेगा, जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के बाहर स्थित चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री की हो, परन्तु वे छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी हो। को संशोधित करने की आवश्यकता उत्पन्न हुई।

इस आधार पर राज्य शासन, चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम, 2021 को अधिक्रमित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु छत्तीसगढ़ चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम 2025 अधिसूचित किए गए, जिसमें 11. प्रवेश में वरीयता :-

  • राज्य कोटे में उपलब्ध सीटों पर सर्वप्रथम उन अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जायेगा, जिन्होंने या तो पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ से संबद्ध चिकित्सा चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त की हो, अथवा जो सेवारत अभ्यर्थी हो।
  • उपनियम (क) में उल्लेखित सभी पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश दिये जाने के उपरान्त यदि सीटें रिक्त रह जाती है तो, इन रिक्त सीटों पर, ऐसे अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जायेगा, जिन्होंने नियम 11 (क) में उल्लेखित के अतिरिक्त किसी अन्य चिकित्सा महाविद्यालय से एमबीबीएस डिग्री प्राप्त की हो। बनाये गये।

डॉ सम्रद्धि दुबे ने डोमिसाइल आरक्षण व्यवस्था को दी थी चुनौती

उक्त नियमों को याचिकाकर्ता डॉ. समृद्धि दुबे द्वारा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में चुनौती दी गई, जिस पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर ने 20 नवंबर 2025 को निर्णय पारित करते हुए छत्तीसगढ़ मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट एडमिशन रूल्स, 2025 के नियम 11 (a) और 11 (b) को असंवैधानिक तथा संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन मानते हुए निरस्त कर दिया। उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय-आधारित प्राथमिकता को अमान्य घोषित कर दिया।

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में ये कहा

डीविजन बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि प्रवेश देते समय, विशेष रूप से उच्चतर और विशिष्ट पाठ्यक्रमों में, शैक्षिक मानकों की सुरक्षा के लिए योग्यता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। संस्थागत आरक्षण या अधिवास आरक्षण की आड़ में ऐसे स्तरों पर योग्यता को शिथिल करने से महत्वपूर्ण व्यावसायिक उत्कृष्टता से समझौता करने का जोखिम होगा।"

न्यायालयों के फैसले के बाद राज्य शासन ने बनाये नियम

उच्च न्यायालय के निर्णय के पश्चात तथा सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के पूर्ण अनुपालन में राज्य शासन के चिकित्सा विभाग द्वारा 01 दिसम्बर 2025 को संशोधित नियम-11 अधिसूचित किया गया। जिसके अनुसार शासकीय एवं निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की उपलब्ध सीटों को दो समान श्रेणियों- (1) 50 प्रतिशत संस्थागत, केवल उन अभ्यर्थियों हेतु जिन्होंने छत्तीसगढ़ के एनएमसी मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों से एमबीबीएस उत्तीर्ण किया है अथवा जो सेवारत है, तथा (2) 50 प्रतिशत ओपन मेरिट के आधार पर सभी पात्र अभ्यर्थियों हेतु में विभाजित किया गया है।

मॉप-अप राउंड और ओपन मेरिट

राज्य शासन ने यह भी व्यवस्था की गई है कि यदि संस्थागत वर्ग की सीटें रिक्त रहती है, तो मॉप-अप राउंड में उन्हें ओपन मेरिट श्रेणी में अंतरण किया जाएगा। 06 दिसम्बर 2025 से प्रारंभ की गई काउंसलिंग प्रक्रिया उपरोक्त संशोधित नियमों, माननीय सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों तथा पूर्णतः मेरिट आधारित प्रणाली के अनुसार ही छत्तीसगढ़ राज्य के चिकित्सा स्नातकोत्तर (MD/MS) पाठ्यक्रम की काउंसलिंग प्रक्रिया संचालित की जा रही है।

Next Story