Bilaspur High Court: एमएस,एमडी एडमिशन में बोनस की मांग वाली याचिका खारिज, हाई कोर्ट ने कहा....
Bilaspur High Court: मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सकों ने एमएस व एमडी में एडमिशन के दौरान बोनस अंक देने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने चिकित्सकों की याचिका को खारिज कर दिया है। पढ़िए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में क्या कहा है।

Bilaspur High Court: बिलासपुर। मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सकों ने एमएस व एमडी में एडमिशन के दौरान बोनस अंक देने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने चिकित्सकों की याचिका को खारिज कर दिया है। डिवीजन बेंच ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में दी जा रही सेवा को अनुसूचित क्षेत्र सेवा नहीं माना जाएगा और इसलिए पीजी प्रवेश में बोनस अंक का लाभ नहीं दिया जा सकता।
छत्तीसगढ़ के अनुसूचित क्षेत्रों में स्थित मेडिकल काॅलेजों में कार्यरत आधा दर्जन से अधिक चिकित्सकाें ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि वे सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर रेजिडेंट और डेमोंस्ट्रेटर के पद पर कार्यरत हैं। याचिकाकर्ता चिकित्सकों ने कहा कि ये कॉलेज अनुसूचित क्षेत्रों में स्थित हैं। लिहाजा उन्हें हर वर्ष की सेवा पर 3 प्रतिशत बोनस अंक मिलना चाहिए। याचिकाकर्ता चिकित्सकों ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के अधिकारियों ने उनकी सेवा प्रमाण पत्र में उनकी पदस्थापना को गैर अनुसूचित क्षेत्र सेवा के रूप में दर्ज किया है। याचिकाकर्ता चिकित्सकों ने नियमों का हवाला देते हुए पीजी की पढ़ाई के लिए प्रवेश के दौरान बोनस अंक देने की मांग की थी। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के लॉ अफसरों ने कहा कि छत्तीसगढ़ ग्रामीण चिकित्सा कोर के तहत जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल,
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शामिल किया गया है। मेडिकल कॉलेज और कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों को इस सूची से बाहर रखा गया है। ऐसे अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों को दायर से बाहर रखा गया है। मेडिकल कॉलेजों को सामान्य श्रेणी में माना गया है। लिहाजा बोनस अंक की मांग चिकित्सक नहीं कर सकते। पीजी एडमिशन में बोनस अंक नहीं दिया जा सकता। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद डिवीजन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों को छत्तीसगढ़ ग्रामीण चिकित्सा कोर के दायरे से बाहर माना गया है। चिकित्सकों की याचिका को खारिज करते हुए डिवीजन बेंच ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में सेवा देने वाले चिकित्सक पीजी एडमिशन में बोनस अंक की पात्रता नहीं रखते।
