Bilaspur High Court: जस्टिस रविंद्र अग्रवाल सोमवार को हाई कोर्ट के स्थाई जज के रूप में लेंगे शपथ, जानें उनका पूरा सफर
Bilaspur High Court: सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने बिलासपुर हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में कार्यरत जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल को स्थाई जज के रूप में नियुक्ति देने अनुशंसा कर दी है। कालेजियम की अनुशंसा के बाद राष्ट्रपति भवन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

Bilaspur High Court: सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने बिलासपुर हाई कोर्ट में अतिरिक्त जज के रूप में कार्यरत जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल को स्थाई जज के रूप में नियुक्ति देने अनुशंसा कर दी है। कालेजियम की अनुशंसा के बाद राष्ट्रपति भवन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। बिलासपुर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने उनके शपथ ग्रहण के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। सोमवार को चीफ जस्टिस अपने कोर्ट में जस्टिस अग्रवाल को स्थाई जज के रूप में शपथ दिलाएंगे।
बिलासपुर। जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल सोमवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के स्थाई जज के रूप में शपथ लेंगे। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के कोर्ट रूम में ओवेशन का कार्यक्रम रखा गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिफिकेशन जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट कालेजियम ने अतिरिक्त जज के रूप में पदस्थ रविंद्र कुमार अग्रवाल को स्थाई जज के रूप में नियुक्ति की अनुशंसा कर दी है। कालेजियम की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति भवन ने अनुमोदन कर दिया है। राष्ट्रपति भवन से अनुमोदन के बाद पत्र छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंचा। रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिफिकेशन जारी कर जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के शपथ ग्रहण की जानकारी दी है।
जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल को दो अक्टूबर 2023 को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के अतिरिक्त जज के पद में नियुक्ति दी गई थी। डेढ़ वर्ष से अधिक समय तक अतिरिक्त जस्टिस के पद में कार्य करने के बाद उनकी स्थाई जज के पद पर नियुक्ति के लिए कालेजिमयम ने अनुशंसा कर दी है है। जस्टिस अग्रवाल का जन्म भाटापारा में 31 जुलाई 1968 को हुआ। उनके पिता डॉ जीपी अग्रवाल रिटार्यड एमएस थे।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा रायपुर एवं बिलासपुर में हुई। उन्होंने राजनांदगांव के गर्वनमेंट डिग्री कॉलेज से बीएससी करने के बाद यहीं से 1991 एलएलबीकी डिग्री ली। सितंबर 1992 से बिलासपुर जिला न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों में वकालत किए। वर्ष 2000 से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में वकालत प्रारंभ किया। सिविल एवं क्रिमनल मामले सहित अन्य प्रकरण में उन्हें विशेषज्ञता है। राज्य के शासकीय अधिवक्ता सहित विभिन्न संगठनों के वे पेनल लॉयर रहें।
