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Bilaspur High Court: दो साल से खड़ी है डायल 112 की गाड़ियां, DGP से हाईकोर्ट ने दोबारा मांगा जवाब, पढ़िए क्या है मामला...

Bilaspur High Court: डायल 112 की जर्जर गाड़ियों और नए वाहनों को दो साल से खड़े रखे जाने को लेकर डीजीपी के जवाब को नाकाफी मानते हुए डिवीजन बेंच ने दोबारा नए सिरे से जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

Bilaspur High Court: दो साल से खड़ी है डायल 112 की गाड़ियां, DGP से हाईकोर्ट ने दोबारा मांगा जवाब, पढ़िए क्या है मामला...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रदेश में डायल 112 वाहनों की जर्जर हालत और नए वाहनों को दो साल से खड़ा रखे जाने को लेकर डीजीपी से शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा था।

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने डीजीपी की ओर से दाखिल शपथपत्र को अधूरा बताते हुए असंतोष जताया। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने डीजीपी को व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ नए सिरे से जवाब देने कहा है।

मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी, राज्य शासन द्वारा खरीदे गए नए वाहन दो साल से खड़े-खड़े खराब हो गए। नए वाहनों को कबाड़ करने के अलावा पुराने वाहनों की देखरेख भी नहीं हो रही। इससे आपातकालीन सेवा डायल 112 की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ा है। आम लोगों के अलावा जरूरतमंदों को समय पर इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने डीजीपी से जवाब मांगा था। सुनवाई के दौरान डीजीपी की ओर से शपथ पत्र में जानकारी दी गई। बेंच ने कहा कि शपथपत्र में स्पष्ट नहीं है कि सभी जिलों में नए वाहन पहुंच चुके हैं या नहीं। अगर पहुंचे भी है तो क्या वे संचालन योग्य स्थिति में हैं। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए बेंच 24 नवंबर की तिथि तय कर दी है। इससे पहले डीजीपी को शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करना होगा।

DGP के शपथ पत्र में यह जानकारी

डीजीपी की ओर से पेश हकफनामा में बताया है कि डायल 112 का संचालन सी-डैक को सौंपा गया है। नए वाहनों के तकनीकी डिजाइन सी-डैक ने तैयार किया है। गृह विभाग की अनुमति से खरीदी प्रक्रिया की गई है। डीजीपी ने दावा किया कि इस पूरी प्रक्रिया में कोई आर्थिक नुकसान नहीं हुआ, किसी वाहन को क्षति नहीं पहुंची।

374 में से 306 का हुआ डिस्ट्रीब्यूशन

डीजीपी ने शपथपत्र में टेंडर प्रक्रिया की जानकारी दी है। 12 जून 2023 और 14 मार्च 2024 को दूसरा टेंडर किया गया। पहली निविदा को अपर्याप्त भागीदारी के कारण रद्द किया गया था। दूसरे टेंडर को गृह विभाग से अनुमति नहीं मिली। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 5 सितंबर 2023 और 29 अक्टूबर 2024 को 374 वाहन खरीदे गए। इसमें से 306 वाहनों का आवंटन हो चुका है। बाकी वाहनों का भी जल्द आवंटन किया जाएगा।

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