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Bilaspur High Court- डीएड शिक्षक भर्ती: हाई कोर्ट की नाराजगी आई सामने, एजुकेशन सिकरेट्री को किया तलब

Bilaspur High Court: बिलासपुर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी डीएड डिप्लोमाधारकों को प्राइमरी स्कूल में नौकरी देने में राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे विलंब को लेकर हाई कोर्ट की नाराजगी सामने आई है। नाराज हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई से पहले याचिकाकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है। नाराज कोर्ट ने इसी दिन एजुकेशन सिकरेट्री को कोर्ट में उपस्थिति का निर्देश भी दिया है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने एक अप्रैल की तिथि तय कर दी है।

Bilaspur High Court- डीएड शिक्षक भर्ती: हाई कोर्ट की नाराजगी आई सामने, एजुकेशन सिकरेट्री को किया तलब
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद भी डीएड डिप्लोमाधारक याचिकाकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति देने में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर हाई कोर्ट नें गंभीरता से लिया है। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई से पहले याचिकाकर्तओं की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दिन स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को उपस्थित होने कहा है।

प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों की भर्ती को लेकर विवाद अब भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य शासन ने बीएड डिग्रीधारी शिक्षक जिनकी नियुक्ति प्राइमरी स्कूलों में कर दी गई थी, बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्तगी के बाद डीएड डिप्लोमाधारक याचिकाकर्ताओं को प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति देने का निर्देश हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट के निर्देश के बाद भी शासन स्तर पर कार्रवाई ना होने पर प्रकाश साहू व अन्य ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से न्यायालयीन आदेश की अवहेलना के आरोप में अवमानना याचिका दायर की थी।

अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस अरविंद्र वर्मा ने कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश राज्य शासन को दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि एक अप्रैल से पहले डीएड डिप्लोमाधारकों को प्राइमरी में नियुक्ति दे दी जाएगी। राज्य शासन ने कोर्ट को जानकारी दी थी वर्तमान में प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के 900 पद रिक्त है। राज्य शासन द्वारा पेश की गई जानकारी के बाद कोर्ट ने प्राइमरी स्कूलों में रिक्त शिक्षकों के संबंध में रिज्वाइंडर पेश करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने एक अप्रैल की तिथि तय कर दी है।

0 शासन के इस जवाब को सुनकर कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने कहा कि शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों की नियुक्ति में दिक्कतें आएंगी। इस पर कोर्ट नाराज हो गया था। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 6 माह का समय और नहीं बढ़ाया जा सकता। कोर्ट ने राज्य शासन को प्राइमरी स्कूलों में डीएल डिप्लोमाधारकों को नियुक्ति देने के लिए 15 दिन का समय दिया था। सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से 2855 डीएड डिप्लोमाधारकों की सूची पेश की थी।

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