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Bilaspur High Court: करंट बिछाकर शिकारी कर रहे हाथियों का शिकार, बाजार में हाथी दांत की कीमत एक करोड़ रूपये

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा फारेस्ट रेंज में बिजली करंट की चपेट में आने से तीन हाथियों की मौत हो गई थी। बिलासपुर हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। राज्य शासन ने अपने जवाब में बताया है कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि हाथियों की मौत के लिए जंगल में सक्रिय शिकारी जिम्मेदार हैं। जंगल में करेट बिछाकर शिकारियों ने हाथियों का शिकार किया है। सबसे बड़ी वजह हाथी के अंगों की तस्करी से जुड़ा हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में हाथी दांत की कीमत एक करोड़ रूपये है। शिकारियों की पहली नजर हाथियों पर इसलिए ज्यादा रहती है।

Bilaspur High Court: करंट बिछाकर शिकारी कर रहे हाथियों का शिकार, बाजार में हाथी दांत की कीमत एक करोड़ रूपये
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के जंगलों में जहां हाथियों का रहवास और आवाजाही ज्यादा है वहां एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। हाथियों के रहवास वाले जंगलों में शिकारियों की सक्रियता भी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। इसके पीछे हाथी के अंगों की तस्करी को भी बड़ी वजह बताई जा रही है। इंटरनेशनल मार्केट में हाथी दांत की कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।

शिकारी की नजर हाथियों पर सबसे ज्यादा रहने के पीछे इसे भी बड़ा कारण माना जा रहा है। हाथी-मानव द्वंद के बहाने हाथियों का इस अंदाज में शिकार का खेल, खेला जा रहा है। रायगढ़ जिले के घरघोड़ा फारेस्ट रेंज में बिजली करंट से तीन हाथियों की मौत को लेकर बिलासपुर हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। कर्नाटक हाथी टास्क फोर्स की गाइड लाइन के परिपालन को लेकर कोर्ट ने राज्य शासन से जानकारी मांगी व प्रोग्रेस रिपोर्ट के संबंध में पूछा। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने कहा कि शपथ पत्र में जरुरी जानकारी शामिल करनी है इसके लिए समय की आवश्यकता है। महाधिवक्ता के अनुरोध पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

मालूम हो कि रायगढ़ के घरघोड़ा फारेस्ट रेंज में बिजली करंट से हाथियों की मौत की घटना को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। पीआईएल में ऊर्जा सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी के प्रबंध निदेशक और प्रधान मुख्य वन संरक्षक को प्रमुख पक्षकार बनाया गया। रायगढ़ के अलावा मुंगेली जिले के अचानकमार फारेस्ट रेंज में करंट बिछाकर एक और हाथी की जान ले ली गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इस घटना को शिकारियों ने अंजाम दिया था।

0 62 हाथियों की मौत करंट से दो को जहर देकर मारा

बीते 10 साल के दौरान राज्य सरकार ने हाथियों के संरक्षण पर तकरीबन 150 करोड़ रुपये खर्च किए। बड़े स्तर पर चलाए गए इस अभियान के बाद भी 167 हाथियों की मौत हो गई है। अचरज की बात ये कि इसमें से 62 हाथियों की मौत बिजली करंट से हुई है। दो को जहर देकर मार दिया गया है। बिजली कंरट से जिन हाथियों की मौत हुई है उसमें से आधे से ज्यादा शिकारियों की करतूत है। शिकारियों ने करंट बिछाकर हाथियों का शिकार किया।

0 साल-दर- साल हाथियों के मौत का आंकड़ा

2014 09

2015 14

2016 11

2017 16

2018 16

2019 12

2020 18

2021 14

2022 20

2023 19

2024 18

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