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Bilaspur High Court: CGMSC के डायरेक्टर व हेल्थ सेक्रेटरी को हाई कोर्ट का नोटिस, पढ़िए क्या है कारण

Bilaspur High Court: बिलासपुर हाई कोर्ट ने सिम्स छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में आधुनिक उपकरणों व डिवाइस की खरीदी ना करने पर नाराजगी जताई है। डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से पूछा कि बजट स्वीकृति के बाद भी ऐसी स्थिति क्यों बनी। डिवाइस की खरीदी क्यों नहीं की जा रही है।

Bilaspur High Court: CGMSC के डायरेक्टर व हेल्थ सेक्रेटरी को हाई कोर्ट का नोटिस, पढ़िए क्या है कारण
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट ने सिम्स छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में आधुनिक उपकरणों व डिवाइस की खरीदी ना करने पर नाराजगी जताई है। डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से पूछा कि बजट स्वीकृति के बाद भी ऐसी स्थिति क्यों बनी। डिवाइस की खरीदी क्यों नहीं की जा रही है। डिवीजन बेंच ने हेल्थ सेक्रेटरी व सीजीएमसीएल के डायरेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

बिलासपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान CIMS बिलासपुर के डॉक्टरों को नए और आधुनिक मेडिकल डिवाइस की खरीद के लिए सरकार द्वारा 15 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के चार महीने बाद भी पुराने उपकरणों से ही ऑपरेशन करना पड़ रहा है।

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा, रिपोर्ट से यह पता चलता है कि पर्याप्त धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद, CIMS को मशीनें, उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। जिससे न केवल मरीजों को बल्कि डॉक्टरों को भी परेशानी हो रही है, जबकि इससे उनका कीमती समय और ऊर्जा बच सकती थी और अधिक संख्या में मरीजों का इलाज किया जा सकता था।

मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि 15 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दिए चार महीने बीत चुके हैं। हालांकि, CIMS तक एक भी मशीन नहीं पहुंची है, जिससे डॉक्टरों के पास पुराने डिवाइस का उपयोग करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इस बीच सिम्स ने 66 लाख रुपये में सोनोग्राफी और डायलिसिस सहित कुछ मशीनें खरीदीं। हालांकि, यह संख्या आवश्यकता की तुलना में बहुत कम बताई गई।

मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सिम्स के डॉक्टरों का अनुमान है कि नई मशीनों की उपलब्धता से कम समय में अधिक रोगियों की जांच संभव होगी और उपचार की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट ने अपने बयान में कहा कि उपकरणों, मशीनों की आपूर्ति शासन स्तर पर की जानी है। सिम्स में जल्द से जल्द उपकरण स्थापित करने के लिए उनकी ओर से प्रयास किए जाने चाहिए।

जनहित याचिका की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव और छत्तीसगढ़ मेडिकल सेवा निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को नोटिस जाारी शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका की सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 18 सितंबर की तिथि तय की है।

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