Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: चीफ जस्टिस ने ऐसा क्यों कहा, एक कलेक्टर क्या-क्या करेगा? 1837 करोड़ खर्च के बाद भी स्कूल जर्ज़र क्यों

Bilaspur High Court: मुख्यमंत्री जतन योजना के फंड को लेकर हाई कोर्ट ने उठाये सवाल. चीफ जस्टिस ने सरकार से पूछा-1837 करोड़ के फंड का वास्तव मे उपयोग हो रहा या नहीं, स्कूलों की स्थिति खराब क्यों है.

Bilaspur High Court: चीफ जस्टिस ने ऐसा क्यों कहा, एक कलेक्टर क्या-क्या करेगा? 1837 करोड़ खर्च के बाद भी स्कूल जर्ज़र क्यों
X
By Neha Yadav

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सरकार से पूछा कि मुख्यमंत्री जतन योजना के तहत जारी किए गए 1837 करोड़ रुपये के फंड का वास्तव में उपयोग हो रहा है या नहीं। स्कूल की स्थिति सुधर रही है या कागजों में ही सब-कुछ है।

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखते हुते अतिरिक्त महाधिवक्ता ने डीविजन बेंच को बताया कि मुख्यमंत्री शाला जतन योजना के तहत शिक्षा सत्र 2022-2023 में 1837 करोड़ रुपये शासकीय स्कूलों के मरम्मत व रखरखाव के लिए जारी किया गया है। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब यह जानकारी दी, तो चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने पूछा कि फंड का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं। वास्तव में स्कूलों की स्थिति सुधर रही है या सब कागजों पर ही है। जर्जर स्कूल भवनों को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन व स्कूल शिक्षा सचिव से शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी है। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि पूर्व के निर्देश पर कितना अमल हो पाया है, इसका भी उल्लेख करें। डीविजन बेंच ने प्रोग्रेस रिपोर्ट के साथ पूरी जानकारी 21 अगस्त से पहले देने का निर्देश दिया है।

प्रदेश भर के शासकीय स्कूलों में से अनेक स्थानों पर भवन जर्जर हो चुके हैं। वर्षाऋतु के समय इनकी हालत और भी खराब हो जाती है। हाल के दिनों में एक सरकारी स्कूल में बाथरूम का छज्जा गिर गया था। मस्तूरी ब्लाक के एक स्कूल में मध्यान्ह भोजन के तहत खीर की कढ़ाही में गिरकर एक बच्चा बुरी तरह जल गया था। इस तरह की खबरें मीडिया में आने के बाद हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान में लेते हुते जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई प्रारम्भ की है। बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिविजन बेंच में सुनवाई हुई।

प्रमुख सचिव व शिक्षा सचिव करें मॉनिटरिंग

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने डीविजन बेंच को बताया कि स्कूलों की मरम्मत के लिए कलेक्टर डीएमएफ फंड से भी राशि उपलब्ध करा सकते हैं। डीविजन बेंच ने कहा कि एक कलेक्टर कहां- कहां जाएंगे। फंड के उपयोग को लेकर विभाग के प्रमुख व शिक्षा सचिव को मानिटरिंग करना चाहिए। यह देखा जाना चाहिए कि सरकार द्वारा जारी बजट का सदुपयोग हो रहा है या नहीं।

Neha Yadav

नेहा यादव रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएट करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। पिछले 6 सालों से विभिन्न मीडिया संस्थानों में रिपोर्टिंग करने के बाद NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहीं है।

Read MoreRead Less

Next Story