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Bilaspur High Court: आरक्षण के फैसले पर अमल शुरू, भर्ती के लिए जारी अधिसूचना में 0BC क्रिमिलेयर को किया बाहर

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल बीपी वर्मा ने 12 कानूनी सहायक के पद पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी करने के साथ ही शर्तें भी तय कर दी है। SC SC OBC के लिए पद आरक्षित किया है। OBC के लिए शर्त रख दी है कि OBC category में क्रिमिलेयर को नहीं आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जिन वर्गों को आरक्षण दिया जा रहा है उसमें क्रिमिलेयर को बाहर रखने का फैसला दिया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।

Bilaspur High Court: आरक्षण के फैसले पर अमल शुरू, भर्ती के लिए जारी अधिसूचना में 0BC क्रिमिलेयर को किया बाहर
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By Sandeep Kumar

बिलासपुर। आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। एससी,एसटी व ओबीसी वर्ग को सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण में इस वर्ग के क्रिमिलेयर को आरक्षण के लाभ से बाहर रखने और बीपीएल व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण की सुविधा देने की व्यवस्था सुप्रीम कोट ने की है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर अमला करना प्रारंभ कर दिया है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल बीपी वर्मा ने हाई कोर्ट में कानूनी सहायक के पद पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी करने के साथ ही शर्तें भी तय कर दी है। ओबीसी वर्ग के लिए तय की गई आरक्षित सीटों में इस वर्ग के क्रिमिलेयर उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। भर्ती के लिए जारी शर्त में साफ लिखा है कि ओबीसी के अभ्यर्थी मलाइदार नहीं होने चाहिए। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि: 13/09/2024 शाम ​​5.00 बजे तक है।

कानूनी सहायक" के पद के लिए सभी पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किया गया है। जिनका निश्चित मानदेय 30,000/ रुपये प्रति माह दिया जाएगा। बिना किसी महंगाई भत्ते या किसी अन्य भत्ते के साथ-साथ आवासीय आवास आदि जैसी किसी अन्य सुविधा नहीं दी जाएगी । नियुक्ति एक वर्ष की निश्चित अवधि के लिए पूरी तरह से संविदा आधारित होगी। चीपफ जस्टिस के अनुमोदन के आधार पर अधिकतम तीन वर्ष की अवधि बढ़ाई जा सकती है। शर्त में यह भी लिखा है कि कार्यकाल बिना किसी सूचना के किसी भी समय समाप्त किया जा सकता है।

एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित पद केवल एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षित रहेगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य का वास्तविक निवासी होना अनिवार्य है। जो आवेदक दूसरे राज्य के वास्तविक निवासी हैं और अपने राज्य में एससी, एसटी और ओबीसी के रूप में मान्यता प्राप्त हैं, उन पर केवल अनारक्षित पदों के लिए विचार किया जाएगा।

यह है खास बात

.ओबीसी के अभ्यर्थी मलाईदार नहीं होने चाहिए।

. आरक्षण केवल उन महिला अभ्यर्थियों को दिया जाएगा जो छत्तीसगढ़ राज्य की स्थानीय निवासी हो।

आवश्यक योग्यता:

. पूरे देश में किसी भी ला कालेज या मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कानून में तीन साल की व्यावसायिक/पांच साल की एकीकृत डिग्री। ऐसे 'ला ग्रेजुएट्स' से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे जिन्होंने वकील के रूप में प्रैक्टिस शुरू नहीं की है या किसी अन्य पेशे या व्यवसाय/सेवा में नहीं लगे हैं। जो लोग एलएलबी में शामिल हुए हैं। (अंतिम वर्ष) परीक्षा और परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। कानून स्नातक जिन्होंने एलएलबी में कम से कम 55% अंक प्राप्त किए हों। परीक्षा केवल कानूनी सहायक के पद के लिए आवेदन करने के लिए पात्र हैं। इंटरव्यू के समय एलएलबी की अपनी अंतिम मार्कशीट जमा करनी होगी।

कंप्यूटर ज्ञान, यानी डेटा एंट्री, वर्ड प्रोसेसिंग और कंप्यूटर ऑपरेशंस।

आयु सीमा:

जिस वर्ष विज्ञापन जारी किया गया है उस वर्ष की 1 जनवरी को उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम आयु 30 वर्ष नहीं होनी चाहिए।

चयन प्रक्रिया

चयन के लिए योग्यता का आकलन केवल साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। स्क्रीनिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। कोई टी.ए. साक्षात्कार में भाग लेने के लिए देय होगा.

ये करना होगा काम

सफल उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के न्यायाधीशों के साथ संबद्ध किया जाएगा। उनके आधिपत्य के निर्देशों के तहत कर्तव्यों का निर्वहन किया जाएगा। मूल रूप से, कानूनी सहायकों को न्यायाधीश, जिनके साथ वह जुड़े रहते हैं, की इच्छानुसार कानूनी बिंदुओं और सिद्धांतों पर खोज और अनुसंधान करने की आवश्यकता होगी। वह न्यायिक और साथ ही प्रशासनिक कार्यों के निर्वहन में न्यायाधीशों द्वारा आवश्यक केस कानून, लेख, कागजात और अन्य प्रासंगिक सामग्री की खोज में न्यायाधीश की सहायता करेगा। न्यायाधीशों के चैंबर में उपस्थित होने के अलावा, कानूनी सहायकों को दलीलों की सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने, अदालत में नोट्स लेने या तैयार करने के लिए भी कहा जा सकता है। कानूनी सहायकों को सौंपे गए शोध कार्य में कानूनी शोध करना, मसौदा तैयार करना शामिल हो सकता है।

कानून के प्रश्नों से संबंधित ज्ञापन और राय, क़ानूनों पर टिप्पणियां। केस फाइलों के उचित रख-रखाव में कानूनी सहायकों की भी सहायता ली जा सकती है। न्यायाधीश के प्रशासनिक कामकाज में सहायता भी वांछनीय होगी जिसमें प्रशासनिक फाइलों को बनाए रखना, अकादमिक कागजात के अनुसंधान की तैयारी, निर्णयों का रिकॉर्ड बनाए रखना, न्यायाधीश द्वारा विभिन्न निर्णयों में तय किए गए कानून के बिंदु, प्रशासनिक पत्राचार के संबंध में रिकार्ड का रखरखाव आदि शामिल होगा। .

ये शर्त सबसे ज्यादा जरुरी

0 एक से अधिक पति या पत्नी रखने वाला या ऐसे व्यक्ति से विवाह करने वाला उम्मीदवार, जिसकी पहले से ही कानूनी रूप से विवाहित पत्नी/पति जीवित है, पात्र नहीं होगा।

0 किसी भी प्रकार के आपराधिक मामले में शामिल उम्मीदवार, चाहे वह दोषी हो या आरोपपत्रित हो, को उपरोक्त पद के लिए आवेदन करने से रोक दिया जाएगा।

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Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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