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Bilaspur High Court: बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास में लेटलतीफी पर नाराज चीफ जस्टिस, महाधिवक्ता से कहा स्टेटमेंट दे दीजिए हमसे कुछ नहीं होगा....

Bilaspur High Court: बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास को लेकर दायर दो जनहित याचिकाओं की बिलासपुर हाई कोर्ट में एकसाथ सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास में की जा रही लेटलतीफी को लेकर चीफ जस्टिस जमकर नाराज हुए। नाराज सीजे ने महाधिवक्ता से यहां तक कह दिया कि आप स्टेटमेंट दे दीजिए, हमसे कुछ नहीं हो पाएगा। हम दोनों पीआईएल को खत्म कर देंगे। सरकार की ओर से पेश जवाब और अफसरों के बॉडी लैंग्जवेज देखकर तो यही लगता है कि आप लोगों में काम करने की इच्छा शक्ति ही नहीं है।

Bilaspur Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास को लेकर अधिवक्ता संदीप दुबे व एक अन्य जनहित याचिका पर एकसाथ सुनवाई चल रही है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में सुनवाई चल रही थी। एयरपोर्ट के कामकाज को लेकर याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने डिवीजन बेंच को बताया कि जैसे पहले था,उसी हालात में एयरपोर्ट अब भी है। लेटलतीफी और गैर जिम्मेदारी को लेकर चीफ जस्टिस का गुस्सा फूट गया। महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत से कहा कि आप स्टेटमेंट दे दीजिए,हमसे कुछ नहीं हो पाएगा। हम दोनों पीआईएल को खत्म कर देंगे। हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी अफसर काम नहीं कर रहे हैं।

बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास को लेकर दायर दाे जनहित याचिकाओं पर डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से पैरवी करने के लिए महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत एजी आफिस के ला अफसरों के साथ उपस्थित थे। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करने के लिए आशीष श्रीवास्तव और संदीप दुबे उपस्थित थे। अधिवक्ता संदीप दुबे याचिकाकर्ता भी हैं। लिहाजा अपने मामले की पैरवी वे खुद कर रहे थे। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने जब बिलासपुर एयरपोर्ट की वास्तविक स्थिति कोर्ट के सामने रखी और कामकाज ना होने की जानकारी दी,तब चीफ जस्टिस नाराज हो गए। नाराज चीफ जस्टिस ने सीधे महाधिवक्ता से सवाल किया। सीजे ने पूछा कि एजी साहब यह सब क्या हो रहा है। छत्तीसगढ़ और दिल्ली में आपकी सरकार है। इसके बाद ये हाल है।

चीफ जस्टिस की नाराजगी बढ़ते देख महाधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष फोटोग्राफ्स रखते हुए बताया कि एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग का काम चल रहा है। फोटोग्राफ्स देखते ही चीफ जस्टिस नाराज हो गए। सीजे ने कहा कि आप खुद ही देखिए। क्या दिख रहा है। एक गाड़ी खड़ी है और पीछे कुछ लोग। काम कहां चल रहा है। यह तो इसमें दिख ही नहीं रहा है।

सीजे की तल्खी और कहा: काम करने की इच्छा शक्ति ही नहीं है

नाराज सीजे ने चीफ सिकरेट्री और डिफेंस सिकरेट्री को तलब करते शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी। सीजे ने कहा कि सरकार के अफसरों के बाडी लैंग्वेंज को देखकर कहीं से नहीं लगता कि काम करने की इच्छा शक्ति है। जब सुनवाई होती है तब जवाब के लिए समय मांग लिया जाता है। एजी से कहा कि आप बोल दीजिए यह सब हमसे नहीं हो पागए। सीजे ने फिर कहा बिलासपुर का भाग्य कभीा जागेगा कोई नई सरकार आएगी तो कुछ कर सकेगी।

डिफेंस ने काम की अनुमति दे दी है

सैन्य मंत्रालय ने एयरपोर्ट के विकास के साथ ही रनवे की लंबाई और चौड़ाई बढ़ाने के लिए 286 एकड़ जमीन पर काम करने की अनुमति राज्य सरकार को दे दी है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने जब डिवीजन बेंच को यह जानकारी दी तब सीजे ने महाधिवक्ता से पूछा कि डिफेंस से अनुमति मिलने के बाद काम क्यों नहीं किया जा रहा है, अब कहां दिक्कतें आ रही है। तब एजी ने बताया कि जमीन के एवज में कीमत को लेकर बात अटकी हुई है। डिफेंस जमीन के बदले में ज्यादा पैसे की मांग कर रहा है। राज्य सरकार जमीन अपने हिस्से में लेने के बाद ही काम को आगे बढ़ाना चाहती है।

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