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Bilaspur High Court: 6 महीने तक लिव इन में रहने के बाद दुष्कर्म की शिकायत, हाई कोर्ट ने कहा भरोसेमंद नहीं

Bilaspur High Court: 6 महीने तक लिव इन में रहने के बाद युवती ने प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करा दी। ट्रायल कोर्ट ने प्रेमी को 10 साल की सजा सुना दी। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा,6 महीने लिव इन मे रहने के बाद अपहरण और दुष्कर्म का आरोप विश्वसनीय नहीं लगता।

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BILASPUR HIGH COURT

By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। 6 महीने तक लिव इन में रहने के बाद युवती ने प्रेमी के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करा दी। ट्रायल कोर्ट ने प्रेमी को 10 साल की सजा सुना दी। मामला हाई कोर्ट पहुंचा। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा,6 महीने लिव इन मे रहने के बाद अपहरण और दुष्कर्म का आरोप विश्वसनीय नहीं लगता।

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार युवती 6 महीने तक युवक जे साथ रही। जब वह युवक के साथ रही तब युवक ने जबरदस्ती सम्बन्ध बनाये। युवती ने युवक पर अपहरण का आरोप लगाई है। पुलिस में दर्ज एफआईआर ने कहा कि जब वह साथ रह रही थी, तब युवक ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। अपहरणकर्ता द्वारा परेशान किए जाने के कारण साथ रहने लगी थी। पीड़िता के इस बयान को कोर्ट ने विश्वसनीय नहीं माना। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने दोनों के प्रेम संबंध में रहने की स्थिति में अपहरण और दुष्कर्म की शिकायत को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता युवक को दोषमुक्त करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है।

क्या है मामला

युवती के पिता ने 2 अक्टूबर 2015 को रायपुर थाने में रिपोर्ट लिखाई कि, उसकी नाबालिग बेटी 1 अक्टूबर 2015 को कॉलेज से वापस नहीं आई। आसपास एवं रिश्तेदारों के यहां भी नहीं मिली। पिता की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 366 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया।

6 महीने बाद पुलिस ने मार्च 2016 को अपहृत पीड़िता को अपहरणकर्ता के चंगुल से मुक्त कराया। मेडिकल जांच एवं पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चालान पेश किया।

युवती ने ये कहा

युवती ने अपने बयान में कहा कि युवक ने उसे उसके दोस्त के माध्यम से बुलाया था, फिर वह बस से पाटन गई। यहां से उसे मोटर साइकिल से अन्य गांव ले गया। जहां दोनों 5 माह तक किराये के मकान में रहे। इसके बाद दुर्ग चले गए। युवक ने शादी का झांसा देकर उसके साथ लगातार संबंध बनाया। मामले की सुनवाई के बाद ट्रॉयल कोर्ट ने युवक को 10 साल की सजा सुनाई। ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनोती देते हुए युवक ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

मंदिर में विवाह का हलफनामा

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि,युवती ने अपने बयान में कहा है कि, याचिकाकर्ता युवक ने उसके दोस्त के माध्यम से उससे संपर्क किया और उसके के कहने पर, वह बस से पाटन गई, जहां से उसकी याचिकाकर्ता युवक से मुलाकात हुई। वहां से वह उसके साथ मोटरसाइकिल में बैठकर अपना चेहरा दुपट्टे से ढककर निकली। उसके बाद वह उसके साथ कई जगहों पर रही। उसने स्वीकार किया है कि उन्होंने डोंगरगढ़ के नोटरी के समक्ष हलफनामा दिया था कि उन्होंने मंदिर में विवाह कर लिया है। क्योंकि वे प्रेम में थे। युवती एक अक्टूबर 2015 को युवक के साथ भागने से लेकर 29 मार्च 2016 को अपनी बरामदगी तक, 6 महीने से अधिक समय तक याचिकाकर्ता युवक के साथ रही, हालांकि उसने अपने बयान में कहा है कि, जब वह अपीलकर्ता के साथ रह रही थी, तो उसने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए, उसने यह भी कहा है कि, वह युवक द्वारा परेशान किए जाने पर उसके साथ रहने लगी थी, लेकिन पीड़िता का यह बयान विश्वसनीय नहीं है।

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