Begin typing your search above and press return to search.

18 किमी पैदल चल कर ग्रामीणों को जाना होगा वोट डालने

By npg

नक्सलियों के गढ़ में पोलिंग बूथ संभव नहीं, बस्तर में 234 बूथों को किया गया शिफ्ट

रायपुर/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर में चुनाव कराना सुरक्षा बलों के लिए किसी युद्ध से कम नहीं है। देश का सर्वाधित नक्सल हिंसा ग्रस्त इलाका बस्तर संभाग में दो लोकसभा सीटें आती है। बस्तर और कांकेर। इसमें कांकेतर आंशिक नक्सल प्रभावित है। अलबत्ता, बस्तर लोकसभा सीट बारुदी सुरंगों से पटा हुआ है। बस्तर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होगी। 

सुरक्षा की दृष्टि से बस्तर लोकसभा इलाके की 234 मतदान केंद्रों को सुरक्षा की दृष्टि से चुनाव आयोग ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्थ कर दिया है। क्योंकि, पारंपरिक मतदान केंद्रों पर वोटिंग कराना संभव नहीं। न वहां मतदान कर्मी जा सकते और न ही सुरक्षा बल। वे इलाके नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। उन इलाकों में भैरमगढ़, चिंतलनार, एर्राबोर, जगरगुंडा जैसे विकासखंडों को रोड बनाकर कनेक्टिविटी ठीक कर दी गई है। नक्सल प्रभावित कई इलाकों में पक्की सड़कें बन गई हैं। मगर किस सड़क के निर्माण के दौरान नक्सलियों न कहां पर बारुदी सुरंगे लगा दी है, ये किसी को पता नहीं। जाहिर है, माओवादियों ने नए बने पक्की सड़कों को बारुदी सुरंगों के विस्फोट के जरिये कई दफा सुरक्षा बलों को बड़ा नुकसान पहुंचा चुके हैं। सो, चुनाव आयोग कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहा है।

Next Story