Chhattisgarh News: CG भू-माफिया से लोहा लेने वाली महिला IAS को सरकार ने दिया ईनाम: बनाई गईं इस बड़े जिला पंचायत की सीईओ
Chhattisgarh News: एसडीएम के पद पर रहते हुए अवैध प्लाटिंग पर लगाम कसने वाली इस महिला आईएएस का भूमाफियाओं की शिकायत पर पूर्ववती सरकार ने ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। अब प्रदेश की नई सरकार ने उन्हें बड़े जिला के जिला पंचायत का सीईओ बनाया है।
Chhattisgarh News: रायपुर। आईएएस सुरुचि सिंह को राजनांदगांव जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) बना गया है। 2020 बैच की आईएएस सिंह की इस पदस्थापना को सरकार की तरफ से उन्हें बेहतर काम का ईनाम माना जा रहा है। सिंह इससे पहले बेमेतरा में एसडीएम थीं। बेमेतरा में भूमाफिया पर कार्यवाही को लेकर वे काफी चर्चा में रहीं।
अक्टूबर 2022 में उन्हें बस्तर से स्थानांतरित कर बेमेतरा जिला का एसडीएम बनाया गया था। बेमेतरा में ज्वाइनिंग के साथ ही उन्हें जिला में भूमाफियाओं के खेल को लेकर शिकायत मिली। बताते हैं कि इसके बाद आईएएस सिंह ने भूमाफियाओं पर ऐसा लगाम कसा कि दिसंबर 2022 के बाद से अब तक एक भी ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हुई है, जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से एपू्रव्ड नहीं है। बेमेतरा के लोगों ने उनके शिकायत की थी कि नए जिले बेमेतरा में बिना लेआउट और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति बड़ी संख्या में प्लाटिंग की जा रही है। एसडीएम सिंह ने इसकी जांच कराई। जांच में मामला सही पाए जाने पर उन्होंने अवैध प्लाटिंग का खेल करने वाले तीन लोगों के खिलाफ नोटिस थमा दी कि क्यों न उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
भूमाफियाओं की शिकायत पर अगस्त 2023 में तत्कालीन सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया, लेकिन विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, इस वजह से आयोग ने उनके ट्रांसफर पर रोक लगा दिया। अब सरकार ने उन्हें राजनांदगांव जैसे बड़े जिला पंचायत का सीईओ बनाया है।
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बेमेतरा। राजधानी रायपुर का पड़ोसी जिला बेमेतरा की महिला एसडीएम सुरुचि सिंह भूमाफियाओं से दमदारी से लोहा ले रही हैं। उन्होंने अवैध प्लाटिंग पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भूमाफियाओं पर शिकंजा कस दिया है। आलम यह है कि पिछले दिसंबर से एक भी ऐसी जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हुई है, जो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से एपू्रव्ड नहीं है। बेमेतरा के लोगों ने उनके शिकायत की थी कि नए जिले बेमेतरा में बिना लेआउट और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अनुमति बड़ी संख्या में प्लाटिंग की जा रही है। एसडीएम ने इसकी जांच कराई। जांच में मामला सही पाए जाने पर उन्होंने अवैध प्लाटिंग का खेल करने वाले तीन लोगों के खिलाफ नोटिस थमा दी कि क्यों न उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
सुरुचि 2020 बैच की आईएएस हैं। बेमेतरा में 16 साल बाद सरकार ने आईएएस को एसडीएम बनाया है। इससे पहले 2006 और 2007 में अमित कटारिया और ओपी चौधरी एसडीएम रहे। एसडीएम सुरुचि सिंह ने पिछले साल सितंबर में बेमेतरा एसडीएम ज्वाईन किया। चूकि बेमेतरा नया जिला है और अब फोर लेन से सीधे जबलपुर से जुड़ जाने की वजह से बेमेतरा का महत्व काफी बढ़़ गया है। इसको देखते वहां बड़ी संख्या में भूमाफिया सक्रिय हो गए है। धड़ाधड़ प्लाट काटकर बेचे जा रहे हैं...नई कालोनियां बनाई जा रही हैं। लोगों की शिकायतों पर एसडीएम ने अवैध प्लाटिंग करने वाले तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने नोटिस जारी की है। इसको लेकर भूमाफिया उनके खिलाफ लामबंद होते जा रहे हैं। महिला एसडीएम के खिलाफ आंदोलन करने के साथ उन्हें हटवाने की धमकियां दी जा रही हैं। इस खबर को विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पढ़ें आईएएस सुरुचि सिंह का पूरा सफरनामा
आईएएस सुरुचि सिंह का जन्म 15 सितंबर 1992 को इंदौर में हुआ। उनके पिता कृष्णपाल सिंह 1985 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर थे। आईएएस रुचि सिंह के जन्म के समय उनके पिता मध्य प्रदेश म्यूंसिपल कमिश्नर हुआ करते थे। उनकी माता का नाम किरण सिंह है। सुरुचि सिंह की मां ने स्टेट बैंक में पीओ के पोस्ट से नौकरी शुरू की थी,और स्टेट बैंक में असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद तक पहुंची थी। सुरुचि सिंह अपने माता-पिता की दो संतानों में से छोटी बेटी है। उनसे बड़ी उनकी एक बहन है। सुरुचि सिंह की शुरुवाती स्कूलिंग मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई। फिर मां की जॉब के चलते सुरुचि सिंह उनकी बहन व उनकी मां दिल्ली में शिफ्ट हो गई।
सुरुचि सिंह ने दसवीं बोर्ड व 12वीं बोर्ड की पढ़ाई संस्कृति हायर सेकेंडरी स्कूल नई दिल्ली से की है। 10वीं सीबीएसई बोर्ड में उन्हें 88% प्रतिशत तो वही 12वीं सीबीएसई बोर्ड में उन्हें 90% अंक मिले। उन्होंने 12th के बाद नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु से 2015 में बीए एलएलबी की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के बाद देश की प्रतिष्ठित ला फार्म लूथरा एंड लूथरा ऑफिस में उन्होंने जॉब किया।
पिता के आईएएस होने के चलते सुरुचि सिंह का शुरू से रुझान सिविल सेवाओं की तरफ रहा। पिता को आम जनता की समस्याएं सुलझाते हुए देख कर सुरुचि सिंह के मन में भी पिता की तरह आईएएस बनने का सपना था। यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने 2 साल जॉब के बाद लॉ फर्म की नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी शुरू की। ग्रेजुएशन लॉ से करने के चलते उन्होंने मेंस में लॉ ही ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना था। सुरुचि सिंह ने यूपीएससी के लिए अपना पहला प्रयास 2017 में किया। पहले प्रयास में वे मेंस तक पहुंची पर मेंस क्लियर कर इंटरव्यू के लिए उनका नंबर नहीं लग पाया। अपना दूसरा प्रयास उन्होंने 2018 में किया और 2018 में यूपीएससी सेलेक्ट होकर 2019 बैच की आईआरएस अफसर बनी। भारतीय राजस्व सेवा में उन्हें सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट एलॉट हुआ। सुरुचि सिंह ने अपना तीसरा प्रयास फिर 2019 यूपीएससी के लिए किया, और अंततः उन्हें 432 रैंक लाकर सफलता मिली और आईएएस के लिए वह चुनी गई। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें