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IAS Suruchi Singh biography in Hindi:–आईएएस सुरुचि सिंह का जीवन परिचय।

जानिए उस आईएएस के बारे में जिनके प्रधानमंत्री के सामने दिए प्रेजेंटेशन के बाद देश भर में लागू होने वाला है "मातृभूमि जीओएस" पोर्टल

IAS Suruchi Singh biography in Hindi:–आईएएस सुरुचि सिंह का जीवन परिचय।
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By yogeshwari varma

2020 बैच की आईएएस सुरुचि सिंह को सरकार ने राजनांदगांव जिला पंचायत का सीईओ नियुक्‍त किया है। सिंह इससे पहले बेमेतरा में एसडीएम थीं। बस्‍तर में पदस्‍थापना के दौरान उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दिए गए मातृभूमि जीओस एप के प्रेजेंटेशन के बाद देश भर के राज्य इसे लागू करने वाले है। और तीन राज्यों में यह एप लागू हो चुका है। दिल्ली की रहने वाली छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस सुरुचि सिंह का छत्तीसगढ़ से भी पुराना व गहरा नाता है । जाने उनके बारे में।

जन्मतिथि:– 15 सितंबर 1992

पिता का नाम:– कृष्णपाल सिंह ( सेवानिवृत आईएएस)

माता का नाम:– किरण सिंह ( स्टेट बैंक में असिस्टेंट जनरल मैनेजर सेवानिवृत)

भाई–बहन:– एक बड़ी बहन ( सिंगापुर में सैटल्ड)

दसवीं बोर्ड में प्राप्तांक:– 88% ( 2008)

बारहवीं बोर्ड में प्राप्तांक–90.1% ( 2010)

ग्रेजुएशन:– नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बेंगलौर से बीए एलएलबी (2015)

यूपीएससी में प्रयासों की संख्या:– तीन

पूर्व का चयन:– भारतीय राजस्व सेवा, सेंट्रल एक्साइज व कस्टम 2019 बैच

पदस्थापनाएं:– सहायक कलेक्टर बस्तर, सहायक सचिव भारत सरकार भूमि संसाधन विभाग, वर्तमान में बेमेतरा जिले में एसडीएम के पद पर पदस्थ

आईएएस सुरुचि सिंह 2020 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस अफसर हैं। वर्तमान वे राजनांदगांव जिला पंचायत की सीईओ हैं। इससे पहले वे व बेमेतरा जिले के बेमेतरा अनुविभाग में एसडीएम के पद पर पदस्थ थीं। वैसे तो आईएएस सुरुचि मूलतः दिल्ली की रहने वाली है। पर छतीसगढ़ से भी उनका खासा लगाव रहा है। उनके पिता मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर रहे और अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान छत्तीसगढ़ के भी विभिन्न जिलों में तैनात रहे।

आईएएस सुरुचि सिंह का जन्म 15 सितंबर 1992 को इंदौर में हुआ। उनके पिता कृष्णपाल सिंह 1985 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस अफसर थे। आईएएस रुचि सिंह के जन्म के समय उनके पिता मध्य प्रदेश म्यूंसिपल कमिश्नर हुआ करते थे। उनकी माता का नाम किरण सिंह है। सुरुचि सिंह की मां ने स्टेट बैंक में पीओ के पोस्ट से नौकरी शुरू की थी,और स्टेट बैंक में असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद तक पहुंची थी। सुरुचि सिंह अपने माता-पिता की दो संतानों में से छोटी बेटी है। उनसे बड़ी उनकी एक बहन है। सुरुचि सिंह की शुरुवाती स्कूलिंग मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई। फिर मां की जॉब के चलते सुरुचि सिंह उनकी बहन व उनकी मां दिल्ली में शिफ्ट हो गई।

सुरुचि सिंह ने दसवीं बोर्ड व 12वीं बोर्ड की पढ़ाई संस्कृति हायर सेकेंडरी स्कूल नई दिल्ली से की है। 10वीं सीबीएसई बोर्ड में उन्हें 88% प्रतिशत तो वही 12वीं सीबीएसई बोर्ड में उन्हें 90% अंक मिले। उन्होंने 12th के बाद नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु से 2015 में बीए एलएलबी की डिग्री हासिल की। ग्रेजुएशन के बाद देश की प्रतिष्ठित ला फार्म लूथरा एंड लूथरा ऑफिस में उन्होंने जॉब किया।

पिता के आईएएस होने के चलते सुरुचि सिंह का शुरू से रुझान सिविल सेवाओं की तरफ रहा। पिता को आम जनता की समस्याएं सुलझाते हुए देख कर सुरुचि सिंह के मन में भी पिता की तरह आईएएस बनने का सपना था। यूपीएससी की तैयारी के लिए उन्होंने 2 साल जॉब के बाद लॉ फर्म की नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी शुरू की। ग्रेजुएशन लॉ से करने के चलते उन्होंने मेंस में लॉ ही ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना था। सुरुचि सिंह ने यूपीएससी के लिए अपना पहला प्रयास 2017 में किया। पहले प्रयास में वे मेंस तक पहुंची पर मेंस क्लियर कर इंटरव्यू के लिए उनका नंबर नहीं लग पाया। अपना दूसरा प्रयास उन्होंने 2018 में किया और 2018 में यूपीएससी सेलेक्ट होकर 2019 बैच की आईआरएस अफसर बनी। भारतीय राजस्व सेवा में उन्हें सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम डिपार्टमेंट एलॉट हुआ। सुरुचि सिंह ने अपना तीसरा प्रयास फिर 2019 यूपीएससी के लिए किया, और अंततः उन्हें 432 रैंक लाकर सफलता मिली और आईएएस के लिए वह चुनी गई।

क्यों चुना छत्तीसगढ़ कैडर:–

छत्तीसगढ़ कैडर चुनने के पीछे भी आईएएस सुरुचि सिंह की दिलचस्प कहानी है। उनके पिता कृष्णपाल सिंह 1985 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस थे। वे अविभाजित मध्यप्रदेश में धमतरी, महासमुंद एसडीएम तथा बस्तर जिले के एडिशनल कलेक्टर रहे थे। सुरुचि सिंह की बड़ी बहन का जन्म भी उनके पिता के छत्तीसगढ़ पदस्थापना के दौरान ही हुआ था।

उनकी बड़ी बहन आईआईएम से एमबीए करने के बाद मार्केटिंग फील्ड में कार्यरत है और वर्तमान में सिंगापुर में सेटल है। पिता के मध्यप्रदेश कैडर के आईएएस होने के चलते सुरुचि सिंह ने कैडर आवंटन के लिए मध्यप्रदेश को पहले प्राथमिकता दी। मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ कैडर उन्होंने ऑप्शन दिया था। सुरुचि सिंह को छत्तीसगढ़ कैडर अलॉट हुआ और वर्तमान में वे बेमेतरा जिले के बेमेतरा अनुविभाग में एसडीएम के पद पर पदस्थ हैं।

सुरुचि सिंह के पिता कृष्णपाल सिंह 2017 में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से मध्यप्रदेश शासन से सेवानिवृत हुए है। वहीं उनकी माता किरण सिंह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद से 2022 में ही सेवानिवृत हुई हैं। छत्तीसगढ़ में पदस्थ होने के बाद सुरुचि सिंह बस्तर में भी प्रशिक्षण के दौरान सहायक कलेक्टर रही। खास बात यह है कि उनके पिता भी यहां एडिशनल कलेक्टर रह चुके हैं। बस्तर में ही पिता की पदस्थापना के दौरान सुरुचि सिंह की बड़ी बहन का जन्म हुआ था।

प्रशिक्षण के दौर में सुरुचि सिंह को 3 माह के लिए भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद पर पदस्थ किया गया था। इस दौरान सुरुचि सिंह और उनकी टीम ने जमीन संबंधित रिकार्ड संधारित करने और भूमि का सही लोकेशन पता लगाने मातृभूमि जीओएस एप का इनोवेशन किया था। एप की प्रासंगिकता व उपयोगिता को देखते हुए केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने भूमि संसाधन विभाग के इस एप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष प्रस्तुतीकरण के लिए चुना। इस ऐप का प्रेजेंटेशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आईएएस सुरुचि सिंह ने दिया।

इस ऐप में सर्च करने पर जमीन के नक्शा खसरा व मालिकाना हक की जानकारी तो मिलती ही है, इसके साथ ही प्राकृतिक इंडिकेटर व सड़क व रास्तों की जानकारी भी प्राप्त होती है। किसी खसरा नंबर को खोजने पर ऊपर उसके कागजातों की जानकारी व नीचे उसके भौगोलिक स्थिति की जानकारी ( जैसे की नदी यहां से किस दिशा में कितनी दूर है, सड़क किस दिशा में कितने मीटर दूर है) भी मिलती है। वर्तमान में मातृभूमि जीओएस ऐप को महाराष्ट्र मध्य प्रदेश व एक अन्य राज्य लागू कर चुके हैं। अन्य राज्य भी इसे लागू करने की कतार में हैं।

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