CG DGP Posting: पूर्णकालिक DGP पोस्टिंग को लेकर गहरा रहा सस्पेंस! कई तरह के आ रहे प्रेशर, अगर ऐसा ही रहा तो....
CG DGP Posting: यूपीएससी ने डीजीपी के लिए दो आईपीएस अधिकारियों का नाम छत्तीसगढ़ सरकार को भेज दिया है। मगर हफ्ते भर से अधिक समय हो जाने के बाद भी अभी आदेश जारी नहीं हुआ है। पुष्ट खबर नहीं है...मगर प्रशासनिक हल्को में चर्चा है...डीजीपी को लेकर पार्टी और संघ के भी अपने च्वाइस हैं। अगर दो-चार दिन के भीतर अगर डीजीपी का आदेश नहीं निकला तो संशय और बढ़ेगा।

CG DGP Posting
CG DGP Posting: रायपुर। संघ लोक सेवा आयोग ने छत्तीसगढ के पूर्णकालिक डीजीपी के लिए दो नामों का पेनल बनाकर भेज दिया है। इन दो नामों से किसी एक नाम पर टिक लगाकर डीजीपी अपाइंट किया जाएगा। मगर हफ्ता भर गुजर जाने के बाद भी अभी डीजीपी पोस्टिंग को लेकर कोई हलचल नहीं देखी जा रही है। अशोक जुनेजा के 5 फरवरी को रिटायर होने के बाद राज्य सरकार ने अरुणदेव गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाया है। यूपीएसस से पेनल नहीं आने की वजह से सरकार ने यह वैकल्पिक व्यवस्था की है।
हालांकि, अशोक जुनेजा 11 महीने तक प्रभारी डीजीपी रहे, उसके बाद वे पूर्णकालिक पुलिस महानिदेशक बने थे। मगर उस समय स्थिति अलग थी। राज्य सरकार ने यहां से यूपीएससी को पेनल भेजने में काफी विलंब कर दिया था। इस चक्कर में यूपीएससी से नाम आने में काफी विलंब हुआ।
पैनल में 2 नाम
पूर्णकालिक डीजीपी के लिए यूपीएससी ने चार नामों में से दो नाम फायनल किया है। इनमें अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। गौतम 92 बैच के आईपीएस हैं और हिमांशु 94 बैच के। सीनियरिटी को देखते राज्य सरकार ने गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाया था। मगर अब यूपीएससी का पेनल आ गया है तो सरकार इनमें से किसी भी नाम को टिक लगाने के लिए स्वतंत्र है। अलबत्ता, समझा ये जा रहा था कि तीन महीने पहले सरकार ने अगर अरुणदेव गौतम पर भरोसा जताया है तो पूर्णकालिक पुलिस महानिदेशक बनने में कोई किंतु-परंतु नहीं होगा। मगर अब सुनने में आ रहा कि डीजीपी को लेकर सिस्टम पर काफी प्रेशर है। अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि डीजीपी को लेकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और संघ के भी अपने पसंद हैं। इस चक्कर में डीजीपी की पोस्टिंग लटकती जा रही है।
DGP को लेकर प्रेशर
हालांकि, यूपीएससी से पेनल आने के बाद से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी काफी व्यस्त चल रहे हैं। दो दिन वे दिल्ली में रहे। 26 मई की शाम रायपुर लौटे। उसके बाद कल रायगढ़ गए थे, आज उनका कांकेर का दौरा है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सुशासन तिहार से फ्री होते ही डीजीपी की पोस्टिंग हो जाएगी। मगर लोग दबी जुबां से यह भी स्वीकार कर रहे कि डीजीपी को लेकर प्रेशर तो है। अगर ये प्रेशर ज्यादा गहराया तो फिर कुछ दिनों के लिए नियुक्ति लटक जाएगी। ये भी संभव है कि डीजीपी पोस्टिंग का मामला केंद्र के पाले में चला जाए। छत्तीसगढ़ में डीजीपी की नियुक्ति में भारत सरकार की नजर इसलिए रहेगी क्योंकि बस्तर में मोओवादी लड़ाकों के साथ सुरक्षा बलों की निर्णायक जंग चल रही है। इस लड़ाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद देख रहे हैं।
किस्मत की बात
बहरहाल, जब तक अरुणदेव की पोस्टिंग नहीं हो जाती, तब तक हिमांशु गुप्ता को रेस से बाहर नहीं माना जा सकता। रायपुर के अधिकारिक गलियारों में लोग गौतम को वजनदार तो मान रहे मगर हिमांशु के नाम को सिरे से खारिज भी नहीं कर रहे। वैसे भी चीफ सिकरेट्री और डीजीपी बनना पूरा किस्मत का खेल होता है। जिसके माथे पर लिखा होता है, वही सीएस या डीजीपी बनता है। उदाहरण सामने है, जीपी सिंह का कैरियर जिस गति और अंदाज में आगे बढ़ रहा था...क्षमताएं भी भरपूर थीं...निश्चित तौर पर अशोक जुनेजा के बाद उनका ही नंबर लगता। मगर किस्मत का पहिया कहिए....वक्त ने ब्रेक लगा दिया।