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Bilaspur High Court: परिवीक्षा अवधि में ट्रांसफर पर हाई कोर्ट का महत्‍वपूर्ण आदेश: कोर्ट ने कहा- किसी भी अधिकारी का परिवीक्षा अवधि में...

Bilaspur High Court: राज्य के सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का यह फैसला राहत वाली है। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने सीईओ जनपद पंचायत कोटा के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए यह फैसला सुनाया है। पढ़िए हाई कोर्ट ने परिवीक्षा अवधि वाले अफसरों के स्थानांतरण को लेकर क्या कहा है। जनपद पंचायत कोटा के सीईओ युवराज सिन्हा ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी व दीक्षा गौराहा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शासन के तबादला आदेश को चुनौती दी थी।

Bilaspur High Court: परिवीक्षा अवधि में ट्रांसफर पर हाई कोर्ट का महत्‍वपूर्ण आदेश: कोर्ट ने कहा- किसी भी अधिकारी का परिवीक्षा अवधि में...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। राज्य के सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का यह फैसला राहत वाली है। हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने सीईओ जनपद पंचायत कोटा के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए यह फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने स्थानांतरण को लेकर राज्य शासन द्वारा तय किए मापदंड का हवाला देते हुए तबादला आदेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया ह

बिलासपुर जिले के जनपद पंचायत कोटा में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी युवराज सिन्हा ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी व दीक्षा गौराहा के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि राज्य शासन ने उनका स्थानांतरण जनपद पंचायत सरायपाली जिला महासमुंद कर दिया है। याचिका के अनुसार उनकी प्रथम नियुक्ति 6 अप्रैल 2022 को हुई थी तथा उनकी पदस्थापना जनपद पंचायत कोटा जिला बिलासपुर में हुई। छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 24 अक्टूबर 2024 को उनका स्थानांतरण जनपद पंचायत कोटा जिला बिलासपुर से जनपद पंचायत सरायपाली जिला महासमुंद कर दिया गया।

अधिवक्ता सिद्दीकी ने प्रावधान का दिया हवाला

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्दीकी ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता वर्तमान में परिवीक्षा अवधि में है। नियुक्ति आदेश की कंडिका 13 में लिखा है कि परीवीक्षावधि में अभ्यर्थी का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के स्थान पर राजीव कुमार तिवारी का स्थानांतरण किया गया है जिनका मूल पद विकास विस्तार अधिकारी है। उनको प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोटा में पदस्थ किया गया है जिनका वेतनमान कम है। अधिवक्ता सिद्दीकी ने कोर्ट को जानकारी दी कि याचिकाकर्ता के पिता बीमार हैं और बिलासपुर अपोलो आरोग्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा तबादला आदेश पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

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