Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता: स्‍पेशल कोर्ट से खारिज हो चुकी है याचिका

Bilaspur High Court: ACB कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है।एसीबी के स्पेशल कोर्ट से जमानत आवेदन खारिज होने के बाद पूर्व एजी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका पेश की है। पूर्व महाधिवक्ता द्वारा पेश अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में लिस्टिंग हो गई है। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई होगी। पूर्व एजी की अग्रिम जमानत याचिका पर आने वाले फैसले को लेकर विधि के क्षेत्र के साथ ही राजनीति के साथ ही प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े आला अफसरों की नजरें लगी हुई है।

Bilaspur High Court: अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट पहुंचे छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता: स्‍पेशल कोर्ट से खारिज हो चुकी है याचिका
X
By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। ACB कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है।एसीबी के स्पेशल कोर्ट से जमानत आवेदन खारिज होने के बाद पूर्व एजी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका पेश की है। पूर्व महाधिवक्ता द्वारा पेश अग्रिम जमानत याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस रविंद्र अग्रवाल के सिंगल बेंच में लिस्टिंग हो गई है। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई होगी। पूर्व एजी की अग्रिम जमानत याचिका पर आने वाले फैसले को लेकर विधि के क्षेत्र के साथ ही राजनीति के साथ ही प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े आला अफसरों की नजरें लगी हुई है।

पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने अग्रिम जमानत के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। पूर्व एजी वर्मा ने एसीबी के स्पेशल कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अधिवक्ता सव्यसांची भादुड़ी, पंकज सिंह, खुलेश साहू के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। नान घोटाला मामले में ACB व EOW द्वारा दर्ज की गई नई

FIR के बाद पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा की

अग्रिम जमानत याचिका को एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दी थी। पूर्व महाधिवक्ता वर्मा ने सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी के माध्यम से याचिका दायर की थी। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि दर्ज एफआईआर से साफ है कि अपराध में महत्वपूर्ण भूमिका है। इनके सहयोग के बिना इस अपराध को अमलीजामा पहनाया जाना संभव नहीं था। लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत याचिका नहीं दी जा सकती।

Next Story