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Bilaspur High Court: प्राचार्य प्रमोशन को लेकर राज्य शासन ने हाई कोर्ट में दायर किया केविएट

Bilaspur High Court: स्कूल शिक्षा विभाग हाई व् हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारम्भ करने जा रहा है. पदोन्नति प्रक्रिया को न्यायालय में दायर की जाने वाली याचिका पर फैसले से पहले अपना पक्ष रखने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में केविएट दायर किया है.

Bilaspur High Court: प्राचार्य प्रमोशन को लेकर राज्य शासन ने हाई कोर्ट में दायर किया केविएट
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया के दौरान मामला कोर्ट में पहुंचने की आशंका के मद्देनजर स्कूल शिक्षा विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय के माध्यम से हाई कोर्ट केविएट दायर की है. दायर केविएट में स्कूल शिक्षा विभाग ने हाई कोर्ट से अनुरोध किया है कि पदोन्नति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उनका भी पक्ष सुना जाय.

छत्तीसगढ़ राज्य के अनेक विद्यालयों में नियमित प्राचार्य, हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूल की कमी के अलावा शिक्षकों की आगामी पदोन्नति के लिए पदोन्नति की मांग को ध्यान में रखते हुए, राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती एवं पदोन्नति नियम, 2019 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत व्याख्याता/व्याख्याता (एलबी)/प्रधानाध्यापक (मिडिल स्कूल)/प्रधानाध्यापक (मिडिल स्कूल-एलबी) के पद से पदोन्नति के माध्यम से टी एवं ई संवर्ग के प्राचार्य, हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूल के पद को भरने का निर्णय लिया है।

प्राचार्य, हायर सेकेण्डरी/हाई स्कूल (टी संवर्ग) के कुल 2058 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1567 पद रिक्त हैं. 10% पद अर्थात 157 सीधी भर्ती के लिए तथा शेष पद अर्थात 1410 पदोन्नति के माध्यम से नियुक्ति के लिए आरक्षित हैं. 1410 पदों में से टी संवर्ग के व्याख्याता/व्याख्याता (एलबी)/प्रधानाध्यापक (मध्य विद्यालय)/प्रधानाध्यापक (मध्य विद्यालय-एलबी) के पद से पदोन्नति नियम, 2019 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत की जानी है।

प्राचार्य के 2632 पद स्वीकृत

प्राचार्य, उच्चतर माध्यमिक/हाई स्कूल (ई संवर्ग) के कुल 2632 पद स्वीकृत हैं, इसमें 1693 पद रिक्त हैं. 10% पद यानि 169 सीधी भर्ती के लिए आवंटित हैं और शेष पद 1524 पदोन्नति के माध्यम से नियुक्ति की जानी है. 1524 पदों में ई संवर्ग के व्याख्याता/व्याख्याता (एलबी)/प्रधानाध्यापक (मध्य विद्यालय)/प्रधानाध्यापक (मध्य विद्यालय-एलबी) के पद से पदोन्नति नियम, 2019 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत की जानी है।

इसलिए दायर की केविएट

विभाग को आशंका है कि पीड़ित व्यक्ति/प्रस्तावित याचिकाकर्ता प्राचार्य, उच्चतर माध्यमिक/हाई स्कूल (ई संवर्ग) के पद पर पदोन्नति के लिए शुरू की जाने वाली कार्यवाही को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। ई और टी संवर्ग के तहत माध्यमिक/हाई स्कूल तथा इस संबंध में निर्धारित मानदंड/मानदंडों के अनुसार, याचिकाओं के माध्यम से और उसी के लिए अंतरिम आदेश के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।

शासन ने केविएट में ये की मांग

पदोन्नति के लिए अपनाई जाने वाली उपरोक्त कार्यवाही के खिलाफ ऐसी याचिका दायर करने की स्थिति में, न्याय के हित में यह आवश्यक होगा कि न्याय के उद्देश्य से किसी भी अंतरिम/स्थगन/सुरक्षात्मक आदेश को पारित करने से पहल. केवियेटर /छत्तीसगढ़ राज्य को सुनवाई का अवसर दिया जाए।

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