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व्याख्याता को सस्पेंड करने का इस अफसर को अधिकार नहीं, बिलासपुर हाई कोर्ट ने निलम्बन आदेश किया रद्द

व्याख्याता को सस्पेंड करने का इस अफसर को अधिकार नहीं, बिलासपुर हाई कोर्ट ने निलम्बन आदेश किया रद्द
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By NPG News

बलरामपुर। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बसन्तपुर के व्याख्याता राजेन्द्र देवांगन के द्वारा अपनी सेवा के विरूद्ध जिला कलेक्टर द्वारा जारी निलम्बन आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई याचिका को स्वीकारकर निलम्बन आदेश को रद कर दिया। वर्तमान में देवांगन वर्ष 2009 से बसन्तपुर के हायर सेकण्डरी स्कूल में प्रभारी प्राचार्य के रूप में अध्यापन करते आ रहे हैं।

जिला कलेक्टर ने प्रभारी प्राचार्य सह व्याख्याता को अपने निलम्बन आदेश (0) जून 2022 के माध्यम से सेवा से निलम्बित कर दिया। इससे क्षुब्ध होकर देवांगन ने हाईकोर्ट में इस निलम्बन आदेश को चुनौती देते हुए मतीन सिद्दीकी, दीक्षा गौराहा और वकार नैयर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिका में यह उल्लेख किया गया कि नियोक्ता लोक शिक्षण संचालनालय है. इसलिए कलेक्टर को इस विभाग में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। आगे यह भी उल्लेख किया गया कि नियुक्ति के समय याचिकाकर्ता की सेवाएँ आदिन विकास विभाग के कमिश्नर द्वारा शासित होती थी। इसी प्रकार जुलाई 2019 में लोक शिक्षण के वित्त-नियन्त्रक ने एक आदेश जारी करते हुए लिखा था कि स्कूल शिक्षा विभाग में विकास विभाग के कमिश्नर द्वारा शासित होती थी। इसी प्रकार जुलाई 2019 में लोक शिक्षण के वित नियन्त्रक ने एक आदेश जारी करते हुए लिखा था कि स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन हो चुके व्याख्याता द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी है. इसलिए इनके खिलाफ आदेश करने का या निलम्बन करने की क्षेत्राधिकारिता जिला कलेक्टर को नहीं होगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्त ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की सेवाओं को निलम्बित करने का क्षेत्राधिकार उसके नियोक्ता के अधीनस्थ प्राधिकारी या प्राधिकरण को नहीं होता। राज्य के सिविल सेवा के वर्गीकरण नियम 190 के नियम-9 के तारतम्य में यह उल्लेख है कि कलेक्टर केवल तृतीय श्रेणी और चतुर्थश्रेणी के कर्मचारियों या अधिकारियों की सेवाओं के खिलाफ ही कोई अनुकूल या प्रतिकूल आदेश जारी कर सकता है, द्वितीय श्रेणी के लिए नहीं। तथापि इस मामले में श्री देवांगन द्वितीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी है।

याचिका की सुनवाई जस्टिर नरेन्द्र कुमार ब्यास की कोर्ट में हुई, जिसमें याचिका का निराकरण करते हुए जस्टिस व्यास ने बलरामपुर कलेक्टर द्वारा जारी निलम्बन आदेश को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि जिला कलेक्टर को द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी को निलम्बित करने हेतु अधिकार नहीं है।

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