Mahadev Gaming App: महादेव सट्टा एप: भिलाई से लेकर मुम्बई तक कई स्थानों पर ईडी की दबिश, रवि के भाई के घर पर नोटिस
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Mahadev Gaming App: भिलाई। ऑनलाइन सट्टा (Mahadev Gaming App) एप महादेव मामले की जांच में एक बड़ी खबर आ रही है। मामले की जांच कर रही केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने भिलाई में कई स्थानों पर दबिश दी है। इसमें सट्टा एप के मास्टर माइंड सौरभ चंद्राकर के जूस करोबार और उससे जुड़े लोग के ठिकाने शामिल हैं। वहीं, ईडी ने इसी मामले में सौरभ के साथी रवि उप्पल की भाभी प्रेरणा उप्पल पति राहुल उप्पल के घर पर नोटिस चस्पा कर दिया है।
भिलाई के साथ ही ईडी ने मुंबई के कुरैशी प्रोडक्शन हाउस पर छापेमारी की है। सूत्रों के अनुसार ईडी को ऐसी सूचना मिली है कि कुरैशी प्रोडक्शन हाउस को फिल्म बनाने के लिए महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने हवाला के जरिये पैसा दिया था।
सूत्रों के अनुसार ईडी ने एक दिन पहले (शुक्रवार) को भिलाई में करीब आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर जांच की है। दोपहर में गुपचुप तरीके से पहुंची ईडी की टीमें जांच-पड़ता के बाद लौट गई। भिलाई पुलिस को भी इसकी जानकारी ईडी की टीमों के लौटने के बाद लगी। सूत्रों के अनुसार दोपहर में पहुंची ईडी टीम ने नेहरु नगर स्थित ऑर्बिट फूड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में दबिश दी है। बताया जा रहा है कि वहां के डायरेक्टर सौरभ जैन और शुभम गोस्वामी से ईडी ने पूछताछ करने के साथ ही कुछ दस्तावेज लेकर गई है।
इधर, रवि उप्पल के भाई के यहां नोटिस चस्पा किए जाने के संबंध में बताया जा रहा है कि रवि का भाई राहुल शेयर का काम करता है। ईडी ने जिस घर के बाहर नोटिस चस्पा किया है वह राहुल की पत्नी और रवि की भाभी प्ररेणा के नाम पर है। इस मामले की जांच शुरू होने के बाद से दोनों गायब है। उनके घर पर ईडी ने 22 अक्टूबर को चस्पा किया है। इमसें ईडी ने प्रेरणा को बयान देने के लिए कार्यालय बुलाया है।
छत्तीसगढ़ में नई धार के साथ ‘महादेव ऐप‘ बन रहा है सियासी हथियार
छत्तीसगढ़ की सियासत में घपले-घोटालों के साथ सट्टा के बाजार का महादेव ऐप भी नई धार के साथ सियासी हथियार बन रहा है। राज्य सरकार जहां केंद्र पर राजनीतिक लाभ के आरोप लगा रही है तो भाजपा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल, महादेव एक बेटिंग ऐप है, जिसकी शुरुआत कोरोना काल में छत्तीसगढ़ से हुई थी। धीरे-धीरे यह देश के दूसरे राज्यों में पहुंच गया। यह ऐसा ऐप है, जिसमें संचालक पहले भाग लेने वाले को थोड़ी-थोड़ी राशि जिताता है और जब वह बड़ी रकम लगाता है तो उसकी हार तय होती है। इसकी वजह है कि पूरा कमांड संचालक के पास होता है। ऐप का संचालक सौरभ चंद्राकर है, जो दुबई पहुंच चुका है। मामला प्रवर्तन निदेशालय के पास है और उसने कई लोगों की गिरफ्तारी भी की है।
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