DA News: DA पर वीडियो के बाद सामने आया BJP सांसद का लेटर: सीएम लिखे पत्र में कहा...बढ़ रहा है असंतोष
DA News: महंगाई भत्ता को लेकर बीजेपी सांसद का वीडियो के बाद लेटर सामने आया है। सांसद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने मोदी की गारंटी का उल्लेख करते हुए कहा कि लागू न होने से असंतोष बढ़ गया है।
DA News: रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन पर अमादा हैं। कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन की तरफ से इस संबंध में प्रदेश के सभी विधायकों और सांसदों से संपर्क किया जा रहा है। इस बीच दुर्ग सीट से बीजेपी सांसद विजय बघेल ने डीए को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है। इससे पहले बघेल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था।
सीएम को लिखे पत्र में बघेल ने फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का उल्लेख किया है। लिखा है कि कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल भेंट करके चार सूत्रीय मांगो के संबंध में चर्चा की है। उनकी मांगों में
1. भाजपा घोषणा पत्रानुसार केन्द्र शासन के समान मंहगाई भत्ता व पूर्व में विलम्ब से देय मंहगाई भत्ते का एरियर्स राशि का भुगतान।
2. भाजपा घोषणा पत्रानुसार शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान का लाभ,
3. केन्द्र शासन के समान गृह भाड़ा भत्ता दिये जाने संबंधी।
4. भाजपा घोषणा पत्रानुसार म.प्र. शासन की भांति प्रदेश के शासकीय सेवको को अर्जित अवकाश नकदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन किये जाने संबंधी।
सांसद बघेल ने लिखा है कि विधानसभा चुनाव 2023 के समय मुझे भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र समिति के संयोजक का दायित्व सौंपा गया था, अपने उत्तरदायित्व को निभाते हुए मैंने प्रदेश के हर कोने में जनमानस से संपर्क किया था। इसी दौरान छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन एवं अन्य कर्मचारी संघों के साथ चर्चा कर प्रदेश के कर्मचारी एवं उनके परिजनों के हित संवर्धन को सुनिश्चित करने उनके सुझाव अनुसार प्रमुख वादे तैयार किया था, जो कि मोदी की गारंटी के रूप में कर्मचारी जगत में व्यापक प्रचलित और स्वीकार्य हुआ।
विधान सभा चुनाव में हमारे पक्ष में जनमानस ने विश्वास व्यक्त किया जो कि लोकसभा चुनाव तक कायम रहा, विगत कई माह से कर्मचारी जगत में मोदी की गारंटी अनुसार क्रियान्वयन नहीं होने से असंतोष बढ़ रहा है। इस संबंध में मुझे भी ज्ञापन देकर स्मरण कराया गया है। छत्तीसगढ़ में मोदी की गांरटी लागू है, जिसमें शासन स्तर पर विचार नहीं करना ! बेहद चिंताजनक और दुःख का विषय है, कर्मचारी जगत के हित में आपसे त्वरित क्रियान्वयन की अपेक्षा है।
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