CM Vishnudeo Sai in Aghor Ashram Jashpur: गुरू को नमनः सीएम विष्णुदेव अपने अध्यात्मिक गुरू बाबा संभव राम का दर्शन करने सोगड़ा आश्रम पहुंचे, डेढ़ घंटा रहे आश्रम में
CM Vishnudeo Sai in Aghor Ashram Jashpur: कार्यक्रम में काफी विलंब हो जाने के बाद भी सीएम विष्णुदेव साय जशपुर के अघोरेश्वर आश्रम जाना नहीं भूले। पूरे भाव के साथ आश्रम में वे पूजा-पाठ किए...बाबा संभवराम के दर्शन किए।
CM Vishnudeo Sai in Aghor Ashram Jashpur: जशपुर नगर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश के मुखिया की कुर्सी संभालने के बाद आज पहली बार अपने गृह जिला जशपुर पहुंचे। बीजेपी की इमर्जेंसी मीटिंग में कार्यक्रम ब्रेक कर रायपुर आ जाने की वजह से जशपुर का उनका कार्यक्रम लेट हुआ। इसके बावजूद वे सोगड़ा के अघोरेश्वर आश्रम जाना नहीं भूले।
पहले उनका शाम चार बजे आश्रम जाना था। मगर कार्यक्रम चेंज हो जाने की वजह से वे करीब छह बजे आश्रम पहुंचे और डेढ़ घंटे वहां रहे। सबसे पहले उन्होंने मां काली और अघोरेश्वर महाप्रभु भगवान राम की समाधि के दर्शन और आरती कर विधिवत पूजा-अर्चना किए। फिर गुरूपद बाबा संभव राम का आर्शीवाद लिए। मुख्यमंत्री ने बाबा को शाल और श्रीफल भेंट किए। बाबा ने उन्हें प्रसाद दिया। मुख्यमंत्री ने सोगड़ा आश्रम में निर्मित ग्रीन टी पिया। देखिए फोटो, मुख्यमंत्री श्रद्धापूर्वक बाबा संभवराम के समक्ष घुटने के बल बैठकर उनका आर्शीवाद ग्रहण कर रहे हैं...
यह भी पढ़ें- नए सीएम जशपुर वाले अघोरेश्वर आश्रम से जुड़े हैं, बाबा संभव राम के अनन्य भक्तों में हैं शामिल, मत्था टेकते देखिए फोटो...
रायपुर। विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री होंगे। मुख्यमंत्री का ऐलान होने के बाद विष्णुदेव साय राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत कर दिए हैं। विष्णुदेव साय जशपुर जिले के कांसाबेल स्थित बगिया गांव के रहने वाले हैं।
विष्णुदेव साय जशपुर के प्रसिद्ध अघोरेश्वर आश्रम से बरसों से जुड़े हुए हैं। आश्रम के लगभग हर कार्यक्रम में वे हिस्सा लेते हैं। अभी डेढ़ महीने पहिले ही वे 28 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में गम्हरिया आश्रम गए थे। उन्होंने बाबा संभव राम से समक्ष मत्था टेक कर आर्शीवाद लिया था। वे बाबा के अनन्य भक्तों में शामिल हैं। नए सीएम से जुड़े लोग बताते हैं, मुख्यमंत्री बनने की चर्चाओं के बीच तीन-चार दिन पहले ही विष्णुदेव साय बाबा संभव राम से फोन पर बात कर आर्शीवाद लिया था। विस्तार से पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
यह भी पढ़ें- अवधूत गुरु पद संभव राम : राजा के पुत्र जिन्होंने कुंभ मेले में अघोरेश्वर भगवान राम की दीक्षा ली और राजसी वैभव त्याग दिया
शोवर्धन सिंह पिता भानुप्रकाश सिंह... मध्यप्रदेश के नरसिंहगढ़ राजघराने के राजकुमार. जन्म 15 मार्च 1961. जन्म स्थान इंदौर. शिक्षा डॉली कॉलेज इंदौर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय. यशोवर्धन सिंह ही आगे चलकर गुरु पद संभव राम हुए. यह बात 1982 की है. तब अर्धकुंभ पड़ा था. मां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के पवित्र संगम प्रयागराज में अघोरेश्वर भगवान राम अपने कैम्प में विराजमान थे. इसी बीच एक किशोर कैम्प में पहुंचे. उच्च ललाट, चौड़ा सीना, लंबी और बलिष्ट भुजाओं के साथ ओजपूर्ण चेहरा देखकर ही अनुमान लगाना आसान था कि ये न केवल संपन्न और सुसंस्कृत परिवार के हैं, बल्कि भविष्य में लाखों-करोड़ों लोगों के प्रेरणा के स्रोत बनेंगे. ये किशोर ही राजकुमार यशोवर्धन सिंह थे, जो अघोरेश्वर भगवान राम के पास आए और यहीं के होकर रह गए. वे अघोरेश्वर के साथ अर्ध कुंभ तक प्रयाग राज में ही ठहरे, फिर उनके साथ बनारस चले गए. मुड़िया दीक्षा संस्कार के बाद अघोरेश्वर भगवान राम ने उन्हें गुरुपद संभव राम नाम दिया. इस खबर को विस्तार से पढ़ें