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Chhattisgarh News: पैरामेडिकल पासआउट स्टूडेंट को हाईकोर्ट से बड़ी राहत: इस यूनिवर्सिटी के पास आउटों को होगा फायदा

Chhattisgarh News: श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी के पैरामेडिकल पासआउट स्टूडेंट ने हाई कोर्ट के लगाई थी याचिका,केंद्र व राज्य शासन के अधीन अस्पतालों में खुला नौकरी का दरवाजा

Chhattisgarh News: पैरामेडिकल पासआउट स्टूडेंट को हाईकोर्ट से बड़ी राहत: इस यूनिवर्सिटी के पास आउटों को होगा फायदा
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By Sanjeet Kumar

Chhattisgarh News: बिलासपुर। पैरामेडिकल पासआउट स्टूडेंट के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी से पैरामेडिकल पासआउट स्टूडेंट की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल में पंजीयन का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के इस निर्देश से इन छात्रों को केंद्र व राज्य शासन के अधीन संचालित अस्पतालों में नौकरी का अवसर मिलेगा।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने आप्टोमेट्री एवं एमएलटी. के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट के निर्देश से अब शासकीय नौकरी के लिए दरवाजा खुल गया है। श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी द्वारा आप्टोमेट्री (आंख की जांच) हेतु स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम एवं बीएससी. एमएलटी. के पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी से पासआउट स्टूडेंट का राज्य शासन द्वारा पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं किया जा रहा था। शासन के इस निर्णय के चलते पासआउट स्टूडेंट को शासकीय नौकरी में अवसर नहीं मिल पा रहा था। राज्य शासन के इस निर्णय के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

"तथ्यों और उपरोक्त प्रस्तुत प्रस्तुतियों को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय को डिग्री प्रदान करने का अधिकार है। छत्तीसगढ़ पैरामेडिकल काउंसिल के नाम की प्रविष्टियों पर विचार करने और पंजीकृत करने का अधिकार है। पैरामेडिकल के चिकित्सक व विश्वविद्यालय ने याचिकाकर्ताओं को यूजीसी की धारा 22(1) के अनुसार डिग्री प्रदान की है।

कोर्ट ने राज्य शासन को दी यह छूट

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अधिनियम, 1956 और पैरामेडिकल काउंसिल ने याचिकाकर्ता पासआउट स्टूडेंट के नाम पंजीकृत नहीं किए हैं। कोर्ट ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ताओं का परिषद के रजिस्टर में उनका नाम दर्ज पंजीकरण प्रदान करें। रजिस्टर में याचिकाकर्ताओं का नाम उचित समय तक रखा और बनाए रखा जाए। याचिकाकर्ताओं को प्रैक्टिस करने का प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य शासन को यह भी छूट दी है कि पंजीकरण करने और प्रमाण पत्र जारी करने से पहले सर्टिफिके की समुचित जांच करें। याचिकाकर्ताओं ने गलत तरीके से डिग्री हासिल की है, तो अधिनियम, 2001 की धारा 40 के तहत राज्य शासन उचित कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।

यह होगा फायदा

हाई कोर्ट के फैसले से श्री रावतपुरा सरकार यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण 500 से अधिक पैरामेडिकल पासआउट स्टूडेंट के पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीयन का मार्ग खुल गया है। उन्हें विधिवत् रूप से कार्य करने हेतु आवश्यक प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो जायेगा। जिससे वे छत्तीसगढ़ शासन एवं केंद्र शासन के शासकीय व अशासकीय चिकित्सा क्षेत्रों में रोजगार पा सकेंगे।

चिकित्सा क्षेत्र में पैरामेडिकल विज्ञान के दक्ष विशेषज्ञों की महती आवश्यकता है। राज्य में विभिन्न शासकीय एवं गैर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय तथा चिकित्सालयों की सफलता निदान प्रक्रिया पर निर्भर करता है। पैरामेडिकल स्टाफ की दक्षता से चिकिस्तक रोगी की बीमारी पर सही उपचार को अंतिम रूप देते हैं।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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