CG News: रेप पीड़िता और आरोपी ने कर ली शादी, हाईकोर्ट ने रद्द किया दुष्कर्म का FIR, कहा विवाद का मुख्य कारण हो गया समाप्त...
CG News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से दुष्कर्म के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला आया है। हाईकोर्ट ने दुष्कर्म की दर्ज एफआईआर को इस आधार पर रद्द कर दिया क्योंकि पीड़िता और आरोपी के मध्य समझौता हो गया है और दोनों अब शादी कर चुके हैं। हाईकोर्ट ने माना है कि विवाद का मुख्य कारण ही समाप्त हो गया है जिसके चलते एफआईआर का आधार ही खत्म हो गया है और हाईकोर्ट ने एफआईआर रद्द कर दिया।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि दुष्कर्म के मामले में दर्ज अपराध को उस आधार पर खत्म किया जा सकता है जिसमें पीड़ित और आरोपी ने आपस में समझौता कर लिया है और साथ ही पीड़िता कोई कार्यवाही करना नहीं चाहती हो। पीड़ित और आरोपी ने विवाह कर लिया है इसलिए हाईकोर्ट के मुताबिक दर्ज अपराध का मूल कारण ही नहीं रह गया है। मामला बिलासपुर जिले से ही जुड़ा है। बिलासपुर जिले के एक थाने में 26 जून 2021 को पीड़िता ने शादी का झांसा देकर यौन शोषण और एक्ट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआई आरदर्ज करवाई थी। बाद में पीड़िता एवं आरोपी के मध्य समझौता हो गया और दोनों का विवाह भी हो गया दोनों खुशनुमा जीवन बिता रहे हैं। उनका एक बच्चा भी है। इसके बाद आरोपी की ओर से हाईकोर्ट में एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए याचिका लगाई गई थी।
सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में हुई। जिसमें हाईकोर्ट ने माना कि यदि पीड़ित व आरोपी के बीच विवाद का मुख्य कारण ही समाप्त हो गया है तो एफआईआर निरस्त की जा सकती है। साथ ही दुष्कर्म के मामले में दर्ज अपराध का मुख्य कारण विवाह नहीं करना था इससे ही नाराज होकर पीड़िता ने एफआईआर कराई थी। अब आरोपी ने पीड़िता से विवाह कर लिया है इसलिए अब अपराध का मुख्य कारण ही समाप्त हो जाता है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के दर्ज एफआईआर को निरस्त करने का आदेश दिया है।
याचिका में बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का भी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हवाला दिया है। साथ ही हाईकोर्ट में इस आशय का शपथ पत्र भी पेश किया है कि पीड़िता को यह एफआईआर निरस्त करने पर कोई आपत्ति नहीं है। इस आशय का शपथ पत्र पीड़िता ने पुलिस में भी जमा करते हुए कहा है कि एफआईआर रद्द होने से उसे कोई आपत्ति नहीं है। मामले की सुनवाई और प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने स्वीकार करते हुए एफआईआर रद्द करने के आदेश दिए हैं।