CG Education News: CG गेस्ट लेक्चरर विवाद: 500 याचिकाओं पर हाई कोर्ट में हो रही सुनवाई, इधर हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की पालिसी ने बढ़ाया विवाद
CG Education News: हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट द्वारा भर्ती के लिए बनाए नियम को लेकर फिर गहराया विवाद,यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले गेस्ट लेक्चरर्स को कालेजों में भर्ती के लिए बताया अनुभवहीन। इसी मुद्दे को लेकर 500 से ज्यादा गेस्ट लेक्चरर्स ने हाई कोर्ट में दायर की है याचिका। जिस पर सुनवाई हो रही है।
CG Education News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सरकारी कालेजों में गेस्ट लेक्चरर्स की भर्ती का विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। 500 से ज्यादा गेस्ट लेक्चर्स ने सीनियारिटी को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस बीच उच्च शिक्षा विभाग की भर्ती नीति ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है। पालिसी पर नजर डालें ऐसे गेस्ट लेक्चरर्स जिन्होंने यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट को पढ़ाया है वे कालेज में पढ़ाने के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाएंगे। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने ऐसे लेक्चरर्स की सीनियारिटी को जीरो कर दिया है।
शासन की पालिसी के तहत सरकारी कालेजों में साल-दर-साल गेस्ट लेक्चरर के रूप में पढ़ाई करा रहे ऐसे अतिथि शिक्षकों को उनके अनुभव का लाभ मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में नहीं दिया जा रहा है। फ्रेशर के तौर पर उनकी नियुक्ति का प्रावधान उच्च शिक्षा विभाग ने रखा है। विभाग की इस नीति के कारण उनको नुकसान हो रहा है। अनुभव का लाभ ना मिलने के कारण फ्रेशर के रूप में भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से उच्च अंक वालों से पीछे रहे जाएंगे। प्रदेश के सरकारी कालेजों में गेस्ट लेक्चरर्स की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चूकी है। कालेज प्रबंधन द्वारा बनाई जा रही मेरिट लिस्ट में ऐसे गेस्ट लेक्चरर्स के अनुभव को शामिल नहीं किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग की इस पालिसी को लेकर सरकारी कालेज प्रबंधन में कंफ्यूजन भी हो रहा है। कहीं अध्ययन अध्यापन के अनुभव के अंक दिए जा रहे हैं तो कहीं पर फ्रेशर के रूप में गेस्ट लेक्वचरर्स को शामिल किया जा रहा है। शासकीय टीएसएल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जांजगीर में रसायन शास्त्र के लिए जो मेरिट सूची बनाई गई है। विश्वविद्यालय के अनुभव को जीरो माना गया है। यहां डॉ. आडिल और डॉ. यादव को अनुभव के शून्य अंक मिले हैं। इसके कारण पहले और दूसरे नंबर पर जिसे होना चाहिए, वो मेरिट लिस्ट में दूसरे और चौथे नंबर पर पहुंच गया है।
ये गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति हाई कोर्ट के आदेश से रहेगी बाधित
कालेजों में नौकरी कर गेस्ट लेक्चरर ने शासन द्वारा जारी विज्ञापन का विरोध करते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नए विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सिद्दीकी ने
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी पालिसी की कंडिका 13.2 में दिए गए प्रावधान का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे गेस्ट लेक्चरर जिनके मामले में कोर्ट ने पूर्व में स्थगन आदेश जारी किया है,शासन द्वारा नई बनाई गई पालिसी लागू नहीं होगा। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति को हाई कोर्ट के आदेश से बाधित रखा है।
ये है विवाद का कारण
हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने गेस्ट लेक्चरर्स की नियुक्ति को लेकर नई पालिसी बनाई। इसी पालिसी के तहत उनके स्थान पर नई नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इस विज्ञापन से वे गेस्ट लेक्चरर्स भी प्रभावित हो रहे हैं जिनको पूर्व के आदेश के तहत हाई कोर्ट से राहत मिली है और कोर्ट के स्टे आर्डर के आधार पर कालेजों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।