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Bodhghat Project: जानिये क्या है बोधघाट बांध और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना, जिस पर पीएम मोदी से चर्चा के बाद जगी उम्मीद, इससे किन-किन जिलों को होगा फायदा...

Bodhghat Project: बोधघाट बांध और रिवर लिंकिंग, दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में हो सकेगी सिंचाई। दोनों परियोजनाओं पर 49 हजार करोड़ की लागत आएगी।

Bodhghat Project: जानिये क्या है बोधघाट बांध और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना, जिस पर पीएम मोदी से चर्चा के बाद जगी उम्मीद, इससे किन-किन जिलों को होगा फायदा...
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Bodhghat Project

By Gopal Rao

Bodhghat Project: रायपुर। कल नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की है।

उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, इसी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया है। संभाग में सिंचाई साधनों की समस्या को दूर करने और चहुमुखी विकास को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना पर काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि बस्तर क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना निर्णायक परियोजना साबित होगी। यह परियोजना, लंबे समय से इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। इंद्रावती, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी अन्य योजनाओं के साथ इस परियोजना का उल्लेख है। इस अवॉर्ड में उल्लेखित अन्य परियोजनाओं का क्रियान्वयन दूसरे राज्यों द्वारा किया जा चुका है परंतु दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण इस परियोजना को प्रारंभ नहीं किया जा सका।


बस्तर के विकास की रफ्तार होगी डबल

बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से संभाग में सिंचाई साधनों का दायरा बढ़ने के साथ ही बस्तर के विकास को डबल रफ्तार मिलेगी। इस परियोजना से 125 मेगावाट का विद्युत् उत्पादन, 4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन जैसे अतिरिक्त रोजगार, खरीफ एवं रबी मिलाकर 3,78,475 हेक्टेयर में सिंचाई विस्तार एवं 49 मि.घ.मी पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगा। वही इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर जिले की भी 50,000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सहित कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

क्या है बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना?

बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना, गोदावरी नदी की बड़ी सहायक इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है। राज्य में इन्द्रावती नदी कुल 264 कि. मी. में प्रवाहित होती है। यह परियोजना दंतेवाड़ा जिले के विकासखंड एवं तहसील गीदम के ग्राम बारसूर से लगभग 8 कि.मी. एवं जगदलपुर शहर से लगभग 100 कि. मी. दूरी पर प्रस्तावित है।

परियोजना की विशेषताएं

दोनों परियोजनाओं की अनुमानित लागत 49000 करोड़ रूपए है। जिसमें इंद्रावती-महानदी लिंक परियोजना की लागत लगभग 20 हजार करोड़ रूपए एवं बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना में लगभग 29 हजार करोड़ रुपए की लागत संभावित है। जिसमें हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य, सिविल कार्य (सिंचाई) भी शामिल हैं। इस परियोजना में उपयोगी जल भराव क्षमता 2009 मि.घ.मी, कुल जल भराव क्षमता 2727 मि.घ.मी, पूर्ण जल भराव स्तर पर सतह का क्षेत्रफल 10440 हेक्टेयर सम्भावित है।

इन जिलों का होगा लाभ

बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जिले के 269 गांवों को बड़ा लाभ होगा। जबकि इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना से कांकेर, राजनांदगांव, कवर्धा और मुंगेली जिले के अनेकों गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार हो सकेगा। बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में दोनों परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

Bodhghat Project: 49 हजार करोड़ की बोधघाट परियोजना अब उतरेगी जमीन पर, PM मोदी ने दी हरी झंडी, बिजली के साथ आधे छत्तीसगढ़ को मिलेगी सिंचाई सुविधा...


Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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