Bilaspur News: मिशन अस्पताल भवन तोड़-फोड पर हाई कोर्ट की रोक, सर्वे से जिला प्रशासन को मिली छूट
Bilaspur News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने बुधवार को मौखिक और फिर गुरुवार को एक आदेश जारी कर मिशन अस्पताल को जमींदोज करने जिला प्रशासन की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को 15 दिनों के भीतर मामले का निराकरण करने का निर्देश दिया है। इस बीच मिशन अस्पताल परिसर के लिए जिला प्रशासन ने जो कार्ययोजना बनाई है उस पर प्रशासन अपना काम करते रहेगा। जिला प्रशासन ने अस्पताल परिसर में संचालित नर्सिंग स्कूल को बंद करने का निर्णय लिया है इसके अलावा यहां रहने वालों को बेदखली का नोटिस जारी कर दिया है।

Bilaspur High Court
Bilaspur News: बिलासपुर। मिशन अस्पताल परिसर में स्थित भवन में तोड़फोड़ की कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन ने हाई कोर्ट में बताया कि संभाग आयुक्त के न्यायालय से अपील खारिज होने के बाद सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में अपील पेश की है। अभी फैसला नहीं आया है।
सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निर्णय से पहले ही जिला प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने 15 दिनों में सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन पुनर्वास विभाग को अपील का निराकरण करने और अपील के निराकरण तक तोड़-फोड़ की कार्रवाई स्थगित रखने का आदेश जारी किया है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने याचिकाकर्ता नितिन लारेंस के पावर आफ अटार्नी पर सवाल उठाया। इसमें कहा गया कि लारेंस ने तीन अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग पावर आफ अटार्नी पेश की है। नजूल विभाग ने इसे खारिज भी किया है। हाई कोर्ट ने इस मामले को उचित कोर्ट में उठाने की बात कही।
मिशन अस्पताल की जमीन की लीज निरस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। नगर निगम के इंजीनियरों की कमेटी बनाकर कैंपस में स्थापित भवनों का टेक्निकल परीक्षण कराया गया, जिसमें जो भवन उपयुक्त पाया गया, उसमें निगम का जोन दफ्तर और अतिक्रमण निवारण दफ्तर लगा दिया गया, जबकि जो भवन अनुपयुक्त पाया गया और जिसमें जान माल का नुकसान होने की आशंका थी। उसे ढहाने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने बुधवार की सुबह पुलिस बल की मौजूदगी में शुरू की थी। 1973 में जो बिल्डिंग है, उसमें फिलहाल अस्पताल लग रहा है। इस बिल्डिंग को प्रशासन और निगम ने 75 फीसदी भवन को जमीदोंज कर दिया है।
लीज की शर्तों को किया उल्लंघन
ज्ञात हो कि लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यवसायिक उपयोग करने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने दस्तावेजों की पड़ताल की थी। ध्यान रहे कि मिशन हास्पिटल की साल 1885 में स्थापना की गई थी। साल 1966 में लीज का नवीनीकरण कराते हुए इसे 1994 तक के लिए बढ़ाया गया। 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी। लीज की अवधि बढ़ाने के समय इसमें कई शर्तें भी लागू की गई थी। लीज धारकों ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यावसायिक उपयोग किया और किराया भी वसूल करने लगे थे। जांच के दौरान यह भी पता चला कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था।
इस सत्र के बाद बंद हो जाएगा नर्सिंग स्कूल
बता दें कि अस्पताल परिसर में फिलहाल कई उपकरण और मशीन, आपरेशन थियेटर, आईसीयू, ओपीडी, लेबर रूम, नवजात शिशु, केन्द्र, मेडिकल शाप, नर्सिंग स्टाफ, नर्सिंग स्कूल, 50 सीटर हास्टल, क्लास रूम, लेबोरटिरी और कई दूसरे विभाग संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा रेसिडेंशियल आवासीय डाक्टर्स कालोनी और स्टाफ क्वाटर्स में 100 से अधिक परिवार निवासरत हैं। इसमें से अस्पताल भवन को डिस्मेंटल किया जा रहा है। रेसिडेंशियल आवासीय डाक्टर्स कालोनी और स्टाफ क्वाटर्स के लोगों को भी जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही नर्सिंग स्कूल को इस सत्र मतलब कि मार्च तक संचालित करने की छूट है ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो। इसके बाद इस स्कूल को बंद करते हुए बिल्डिंग को ढहाया जाएगा।
प्राइम लोकेशन में 1000 करोड़ की है संपत्ति
पुलिस पेट्रोल पंप के सामने स्थित नजूल जमीन क्रिश्चियन मिशनरी को अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं संचालित करने के लिए प्रशासन द्वारा साल 1964 में लीज पर आवंटित की गई थी। बीच शहर में स्थित यह 1000 करोड़ रुपए की बेशकीमती जमीन राजस्व अभिलेख के मुताबिक नजूल शीट 14, प्लाट नंबर 201 और 21 क्रिश्चियन वुमन बोर्ड मिशन के नाम पर दर्ज है। इस बेशकीमती जमीन की लीज अवधि समाप्त होने पर संस्था की ओर से लीज नवीनीकरण के लिए आवेदन दिया गया, जिसे नजूल अधिकारी ने निरस्त कर दिया था।