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Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने पूछा आदमी को बचाएं या शराब कारखाना: व्‍यवस्‍था दुरुस्‍त करने 7 दिन की मोहलत

Bilaspur High Court: सरगांव के धूमा में भाटिया शराब फैक्ट्री है। फैक्ट्री का प्रदूषित पानी बिना शोधन के सीधे नाला के जरिए शिवनाथ नदी में डाला जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण मंडल ने डिवीजन बेंच को बताया कि शराब फैक्ट्री में खामियां मिली है। जुर्माना भी ठोका गया है। कोर्ट ने कहा कि आदमी को बचाएं कि शराब फैक्ट्री को। हम बिजनेस के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन नियमों का पालन करना हर हाल में जरुरी है।

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने पूछा आदमी को बचाएं या शराब कारखाना: व्‍यवस्‍था दुरुस्‍त करने 7 दिन की मोहलत
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। हाई कोर्ट की सख्ती के बाद पर्यावरण संरक्षण मंडल के अफसर धूमा स्थित भाटिया वाइन फैक्ट्री पहुंचे और जांच की। मंगलवार को कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बताया है कि फैक्ट्री में पर्यावरण संरक्षण मंडल और एनजीटी के निर्देशों का परिपालन नहीं किया जा रहा है। मापदंडों को पूरा करने में खामियां पाई गई है। इसके लिए फैक्ट्री संचालक पर जुर्माना ठोंका है। कोर्ट ने कहा कि पूरी व्यवस्था दुरुस्त कराएं और रिपोर्ट सौंपे। इसके लिए सात दिन की मोहलत दी है। अगली सुनवाई भी सात दिन बाद होगी।

ये मिली खामियां

फैक्ट्री का गंदा और प्रदूषित पानी खजूरी नाले में मिल रहा था। ये नाला शिवनाथ नदी में मिलता है।

फैक्ट्री के अंदर छोटे तालाब में भी प्रदूषित पानी मिला। फैक्ट्री के बाहर गंदगी पाई गई।

वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूएशन) एक्ट की धारा 33 ए के तहत जुर्माना ठोंका गया है।

फैक्ट्री प्रबंधन से परिपालन रिपोर्ट मांगी है।

नदी में मछलियां मरी तब हुआ खुलासा

मुंगेली जिले के धूमा गांव में भाटिया वाइंस फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा है। फैक्ट्री से बिना शोधन गंदा पानी नाले के जरिए शिवनाथ नदी में बहाया जा रहा था। इससे लाखों मछलियां और दर्जनों मवेशी मारे गए। पानी से उठ रहे तेज दुर्गंध और प्रदूषण से आसपास के गांवों के ग्रामीणों की परेशानी बढ़ी। फसलें भी खराब हो रही हैं। इसे लेकर हाई कोर्ट ने गंभीरता दिखाई और पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।

प्रदूषण का साइड इफैक्ट

वाइनत फैक्ट्री के प्रदूषित पानी की वजह से मोहभट्टा-धूमा समेत आसपास के गांवों के तकरीबन 20 हजार ग्रामीण सीधेतौर पर प्रभावित हो रहे हैं। बिना शोधन से फैक्ट्री से निकल रहे जहरीले रसायन के कारण धान की फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है। 400 एकड़ में लगी धान धान की फसल प्रभावित हो रही है। पर्यावरण तेजी के साथ प्रदूषित हो रहा है। लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही है।चर्म रोग की शिकायत भी बढ़ने लगी है। खुजली के साथ ही आंख से पानी निकलना और जलन की शिकायतें मिल रही है। प्रदूषित पानी को सीधे नदी में छोड़े जाने के कारण आक्सीजन का लेवल बहुत कम पाया गया है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने फैक्ट्री प्रबंधन को पर्यावरण संरक्षण मंडल के नोटिस का पालन कर रिपोर्ट देने को कहा। सुनवाई के दौरान पिछले कई दिनों से फैक्ट्री बंद होने की जानकारी देने पर कोर्ट ने कहा कि आदमी को बचाएं कि फैक्ट्री को? कोर्ट ने यह भी कहा कि हम बिजनेस के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन नियमों का पालन करना होगा।

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