Bilaspur High Court: सरगुजा में जमीन का फर्जीवाड़ा, हाई कोर्ट ने दो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को किया खारिज
Bilaspur High Court: कलेक्टर के आदेश को कूटरचना कर अपने पक्ष में करने के आरोप में पुलुस ने 10 एफआईआर दर्ज कर 70 लोगों को आरोपी बनाया है. इसमें से 69 लोग अब भी फरारी काट रहे हैं. पुलिस गिरफ्त से बाहर दो आरोपियों ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अग्रिम जमानत की मांग की थी. कोर्ट ने दोनों आरोपियोंकी याचिका खारिज कर दी है.
Bilaspur High Court: बिलासपुर. सरगुजा राजस्व मंडल के फर्जी आदेश के मामले में दो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है.
सितंबर माह में कलेक्टर द्वारा आवेदकों के विरुद्ध संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे. अंबिकापुर के कोतवाली थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 338, 336(3), और 340(2) के अपराध दर्ज किया गया है. जमीन के फर्जीवाड़ा मामले में अपराध दर्ज होने के बाद आरोपी अशोक अग्रवाल और घनश्याम अग्रवाल ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के सिंगल बेंच में जमानत याचिकाओं की सुनवाई हुई. मामले की गंभीरता एवं केस डायरी में उल्लेखित तथ्यों को देखते हुए चीफ जस्टिस ने दोनों जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है. सरगुजा में राजस्व मंडल के आदेशों की जांच कराई गई. जांच के बाद 13 मामले फर्जी मिले हैं, जिनमें प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है.
10 एफआईआर, 70 को बनाया आरोपी
राजस्व मंडल बिलासपुर के आदेशों में कूटरचना कर व्यापक पैमाने पर जमीन फर्जीवाड़ा किया गया था। मामले में जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों पर कलेक्टर ने एफआईआर के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के आदेश के बाद तहसीलदार ने अंबिकापुर कोतवाली व बतौली थाना में 10 एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर के 3 माह बाद 23 दिसंबर को मात्र एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है।
कलेक्टर के आदेश में किया कूटरचना
मो. फारूक कोतवाली थाना क्षेत्र के नवागढ़ का रहने वाला है। उसने राजस्व मंडल बिलासपुर के दो आदेश में कूटरचना कर जमीन फर्जीवाड़ा किया था। मामला कलेक्टर विलास भोस्कर के समक्ष आने पर जांच कराई गई थी। जांच में राजस्व मंडल के आदेश में कूटरचना किया जाना पाया गया था। इस पर कलेक्टर ने मो. फारूक के खिलाफ तहसीलदार को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार ने कातवाली में राजस्व मंडल के आदेश में कूटरचना कर जमीन फर्जीवाड़ा करने की रिपोर्ट 6 सितंबर 2024 को दर्ज कराई थी। मामले में पुलिस आरोपी के खिलाफ धारा 318(4), 338, 336(3), 340 (2) के तहत दो प्रकरण दर्ज कर विवेचना कर रही थी। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के लगभग तीन बाह बाद आरोपी फारूक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया है।
अपने हक में कर लिया था आदेश पारित:–
आवेदक भगतु राम की भूमि ग्राम मानिक प्रकाशपुर तहसील अम्बिकापुर में खसरा क्रमांक 188/3 रकबा 0-052 हेक्टेयर है। 1 सितंबर 2020 को फारूक द्वारा प्रस्तुत राजस्व मण्डल बिलासपुर के आदेश के दस्तावेज संदेहास्पद प्रतीत होने से इसकी जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि फारूक द्वारा राजस्व मण्डल बिलासपुर के पारित आदेश में कूटरचना कर अपने हक में आदेश पारित कराया गया।
इन आरोपियों की अग्रिम जमानत खारिज:–
राजस्व मंडल के आदेश में कूटरचना कर जमीन फर्जीवाड़ा के मामले में राजपुर निवासी अशोक अग्रलवाल व प्रेमनगर निवासी घनश्याम अग्रवाल ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में आवेदन लगाया था। मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया है। दोनों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज है।