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Bilaspur High Court: राउंड फिगर के चक्‍कर में लूट: चीफ जस्टिस की डीबी ने सरकार को दिया यह निर्देश...

Bilaspur High Court: बसों में यात्रियों से राउंड फिगर में किराया वसूली के नाम पर हो रहे लाखों के हेरा-फेरी को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी जताई है। डिवीजन बेंच ने इसे बस आपरेटरों द्वारा यात्रियों से लूट खसोट मानते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर उचित निर्णय लेने कहा है। कोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को चार सप्ताह की मोहलत दी है।

Bilaspur High Court: राउंड फिगर के चक्‍कर में लूट: चीफ जस्टिस की डीबी ने सरकार को दिया यह निर्देश...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। बसों में दूरी के हिसाब से किराया का निर्धारण किया गया है। किराया निर्धारण करते वक्त राउंड फिगर के बजाय चिल्हर को जोड़ दिया है। यात्रा और टिकट लेने की जल्दबाजी का फायदा बस कंडक्टर के अलावा स्टाफ उठा रहा है। चिल्हर के बजाय सीधे राउंड फिगर में यात्रियों से किराया वसूल रहे हैं। मसलन बिलासपुर से सरगांव का किराया 20.50 रुपये तय किया गया है। कंडक्टर या बस स्टाफ सीधे 21 रूपये वसूल रहा है। 50 पैसे का हिसाब नहीं दे रहा है। जाहिर है यात्रियों की जेबें कट रही है। एक यात्री से इसी तरह वसूली करते-करते पूरे दिन में हजारों रुपये ऐंठ ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। चीफ जस्टिस सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में पीआईएल की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने राउंड फिगर के बहाने वसूले जा रहे किराए को लेकर नाराजगी जताई व इसे जल्द दुरुस्त करने का निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट के निर्देश चस्पा किया सूची

बीते सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बस स्टैंड के अलावा यात्री बसों में किराया सूची चस्पा करने के अलावा बसों में डिस्प्ले बोर्ड लगाने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर आरटीओ ने बसों में किराया सूची चस्पा करने के साथ ही उन लोगों की सूची भी चस्पा कर दी है जिन्हें बसों में यात्रा के दौरान किराया नहीं लगेगा। फ्री यात्रा करने वालों की सूची भी आरटीओ ने चस्पा कर दी है।

शासन से हुई ऐसी चूक

बीते सुनवाई के दौरान ने राज्य शासन ने कोर्ट को बताया था कि किराया निर्धारण के लिए विधि एवं विधायी विभाग को पत्र लिखा गया है। अधिसूचना जारी होते ही इसे प्रदेशभर में प्रभावशील कर दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से बताया गया कि विधि विधायी विभाग को गलती से पत्र चला गया है। इस संबंध में निर्णय कैबिनेट की मीटिंग में होना है। शासन के जवाब के बाद हाई कोर्ट ने इस पर चार सप्ताह के भीतर कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लेने को कहा है।

यह है मामला

कोरोना संक्रमण काल के दौरान मार्च 2020 से अब तक बसें डीपों में ही खड़ी रहीं। इसके चलते बसों की हालत खराब हो गई है। सभी बसें चलने लायक भी नहीं है। बिलासपुर शहर में दो दर्जन के करीब सिटी बसें ही चल रही है। मीडिया में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है।

हाई कोर्ट की नाराजगी का दिखा असर

राउंड फिगर की आड़ में अधिक किराया वसूल करने के आरोप 349 बस आपरेटरों पर कार्रवाई करते हुए 4 लाख 47 हजार 800 रुपए का जुर्माना ठोंका है। किराया सूची चस्पा नहीं करने वाले 3 बसों पर 40 हजार रुपए जुर्माना किया गया है।

यात्रा में इनको मिलती है छूट

दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, दृष्टिहीन व्यक्ति, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से असमर्थ व्यक्ति, 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिक और HIV पीड़ित व्यक्ति को यात्री किराये में 100 प्रतिशत छूट दी जाती है। नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्तियों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है।

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