Bilaspur High Court: रेलवे कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतेंगी SECR की जीएम, हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
Bilaspur High Court: रेलवे कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा अब एसईसीआर के जीएम को भुगतनी पड़ेगी। रेल कर्मियों की लापरवाही को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ कर दी है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने एसईसीआर की जीएम को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के व्यक्तिगत रूप से जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। बीते दिनों मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी कि रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेनों के गद्देदार सीटों को नाले का स्लैब बना दिया है। इसी के लोग नाला पार कर रहे हैं। सीटों के टूटने से खतरा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट को छत्तीसगढ़ हाई कोट के चीफ जस्टिस ने संज्ञान में लेते हुए पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। गुरुवार को अवकाश के दिन कोर्ट खुला और इस मामले की सुनवाई हुई।
रेलवे के कर्मचारियों और अफसरों की लापरवाही पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई। डिवीजन बेंच ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की जीएम को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ इस पूरे की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। मीडिया में यह रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी कि ट्रेनों में बैठने के लिए बनाई गई गद्देदार सीटों का दुरुपयोग कर रेलवे कर्मचारियों द्वारा नालियों के ऊपर रख देने से रेलवे विभाग की लापरवाही और अकुशलता को देखते हुए इस मामले की सुनवाई शीतकालीन अवकाश के दौरान की जा रही है।
ट्रेनों में बैठने के लिए बनाई गई गद्देदार सीटों को रेलवे कर्मचारियों द्वारा नालियों के ऊपर रख दिया गया है तथा सड़क से भी यह आसानी से देखा जा सकता है कि रेलवे की गद्देदार सीटें नाली के ऊपर रखी हुई हैं। आश्चर्य की बात यह है कि रेलवे के अधिकारियों ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया है तथा नाली के ऊपर रखी गई सीटें न केवल रेलवे संसाधनों के दुरुपयोग का प्रतीक हैं, बल्कि इससे सड़क सुरक्षा एवं स्वच्छता को भी खतरा हो सकता है। यह स्थिति रेलवे विभाग की लापरवाही एवं अक्षमता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है, क्योंकि इस तरह की हरकतें न केवल अधिकारियों की निगरानी की कमी को उजागर करती हैं, बल्कि विभाग की छवि को भी धूमिल करती हैं। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने एसईसीआर के जीएम को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ व्यक्तिगत जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
डिप्टी सालिसिटर जनरल ने वीसी के जरिए की पैरवी
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। केंद्र सरकार की ओर से पैरवी डिप्टी सालिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा ने की। वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित हुए। डिवीजन बेंच ने डिप्टी सालिसिटर जनरल से कहा कि आदेश की एक प्रति एसईसीआर के जीएम को दें व कोर्ट के आदेश के आदेश का परिपालन करने की बात भी कहें। डिवीजन बेंच ने एसईसीआर के महाप्रबंधक को शपथ पत्र के साथ व्यक्तिगत जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने आदेश की प्रति तत्काल एसईसीआर के जीएम को प्रेषित करने की बात भी कही है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 13 जनवरी की तिथि तय कर दी है।
पीआईएल में इनको बनाया प्रमुख पक्षकार
-भारत संघ, सचिव, रेल मंत्रालय, रेल भवन, नई दिल्ली के माध्यम से।
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) महाप्रबंधक, (जीएम / एसईसीआर) न्यू जीएम बिल्डिंग, बिलासपुर जोन, बिलासपुर (सीजी) के माध्यम से
-सहायक महाप्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे एसईसीआर, बिलासपुर (छ.ग.)
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मंडल रेल प्रबंधक, बिलासपुर (छ.ग.) के माध्यम से
- कलेक्टर बिलासपुर, जिला बिलासपुर (छ.ग.)