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Bilaspur High Court: प्रेग्नेंट महिला अफसर का शासन ने किया तबादला मामला पहुंचा हाई कोर्ट... कोर्ट ने कुछ ऐसा सुनाया फैसला

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की संवेदनशीलता एक बार फिर सामबे आई है। दरअसल एक महिला तहसीलदार ने याचिका दायर कर रायपुर जिले से महासमुंद तबादला आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी।याचिकाकर्ता तहसीलदार ने छह महीने का गर्भ रहनर और इस अवस्था में दूसरे जिले में तबादले से व्यवहारिक दिक्क्तों का हवाला दिया था। पढ़िए हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया है।

Bilaspur High Court: प्रेग्नेंट महिला अफसर का शासन ने किया तबादला मामला पहुंचा हाई कोर्ट... कोर्ट ने कुछ ऐसा सुनाया फैसला
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की संवेदनशीलता एक बार फिर सामने आई है। दरअसल एक महिला तहसीलदार ने याचिका दायर कर रायपुर जिले से महासमुंद तबादला आदेश पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी। याचिकाकर्ता तहसीलदार ने छह महीने का गर्भ रहने और इस अवस्था में दूसरे जिले में तबादले से व्यवहारिक दिक्क्तों का हवाला दिया था । मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन के तबादला आदेश पर रोक लगाते हुए रायपुर जिले में ही अपनी सेवाएं देने की छूट दी है।

एवरग्रीन सिटी कॉलोनी, उम्दारोड, भिलाई निवासी प्रेरणा सिंह जिला रायपुर में राजस्व विभाग में तहसीलदार के पद पर पदस्थ है। महिला तहसीलदार छह महीने से गर्भवती है। पदस्थापना के दौरान 13 सितम्बर 2024 सचिव, राजस्व विभाग, रायपुर द्वारा एक आदेश जारी कर उनका स्थानांतरण जिला-रायपुर से जिला महासमुंद कर दिया। सचिव राजस्व के आदेश को चुनौती देते हुए प्रेरणा ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की।

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता तहसीलदार की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता लगभग छह माह से गर्भवती है, एवं प्रसव की अनुमानित तारीख 18 दिसम्बर 2024 है। याचिकाकर्ता के ऊपर एक चार वर्ष की पुत्री की जिम्मेदारी भी है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता के पति रायपुर में असिस्टेन्ट इंजीनियर के पद पर पदस्थ हैं। चूंकि छह माह की गर्भावस्था की स्थिति में याचिकाकर्ता द्वारा जिला-रायपुर से जिला-महासमुंद शिफ्ट होना एवं अपनी सेवाएं देना. व्यवहारिक रूप से कठिन है। ऐसी परिस्थिति में याचिकाकर्ता का अपने सम्पूर्ण परिवार के साथ उनकी देखरेख में रहना आवश्यक है।

ऐसी स्थिति में सेवाएं देना बेहद कठिन

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सिंगल बेंच को बताया कि यदि याचिकाकर्ता गर्भावस्था (प्रेग्नेन्सी) में जिला-महासमुंद जाकर सामान की शिफ्टिंग एवं ज्वाईनिंग करती है तो ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता एवं उसके गर्भस्थ शिशु के जीवन को खतरा उत्पन्न हो सकता है। रिट याचिका की सुनवाई के साथ ही याचिका को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता तहसीलदार को सचिव एवं संयोजक, स्थानांतरण समिति एवं सचिव, राजस्व विभाग, रायपुर के समक्ष स्थानांतरण नीति 2022 के तहत् अभ्यावेदन पेश करने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट ने रायपुर जिले कार्य करने दी छूट

जरूरी दिशा निर्देश के साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता का जिला-रायपुर से जिला-महासमुंद किये गये स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को जिला रायपुर में तहसीलदार के पद पर अपनी सेवाएं देने कहा है।

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