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Bilaspur High Court: प्रतिमा विसर्जन स्थल की सफाई हुई या नहीं,सचिव नगरीय प्रशासन हाई कोर्ट में पेश करेंगे जवाब

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मीडिया में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। मामले की सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को प्रदेशभर की स्थिति को लेकर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। पढ़िए हाई कोर्ट ने विसर्जन स्थल की साफ-सफाई और रखरखाव को लेकर क्या कहा है।

Bilaspur High Court: प्रतिमा विसर्जन स्थल की सफाई हुई या नहीं,सचिव नगरीय प्रशासन हाई कोर्ट में पेश करेंगे जवाब
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। नवरात्र के बाद दुर्गा प्रतिमा विसर्जन स्थल की साफ-सफाई ना किए जाने और फैल रहे प्रदूषण को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबर को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को नोटिस जारी कर प्रदेशभर के विसर्जन स्थल की साफ-सफाई के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने सचिव से शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी पेश करने कहा है।

जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने डिवीजन बेंच को बताया कि कलेक्टर रायपुर ने दशहरा त्योहार के बाद विसर्जन स्थल की साफ-सफाई का निर्देश जारी कर दिया है। नगर निगम के अलावा नगर पंचायत व नगर पालिका द्वारा अपने क्षेत्रों के विसर्जन स्थलों की सफाई की जा रही है। इस संबंध में कार्ययोजना भी बनाई गई है।

कोर्ट ने कहा,प्रदेशभर की स्थिति जानना है जरुरी

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि प्रदेशभर में प्रतिमा विसर्जन के लिए तालाब या फिर नदी का चयन किया गया था। जिन जगहों पर प्रतिमा विसर्जन किया गया है,वर्तमान में क्या स्थिति है,सफाई की गई है या नहीं। राजधानी रायपुर जैसी स्थिति तो नहीं है। कोर्ट ने इसके लिए सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी पेश करने कहा है। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि जहां विसर्जन हुआ है, वर्तमान में क्या स्िािति है, यह पता तो चले। संबंधित क्षेत्र की सफाई की गई है या नहीं। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 8 नवंबर की तिथि तय कर दी है। मतलब ये कि 8 नवंबर से पहले सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को प्रदेशभर के विसर्जन स्थलों की जानकारी जुटानी होगी और व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ कोर्ट के समक्ष पेश करना होगा।

क्या है मामला

राजधानी रायपुर के खारून कुंड में विसर्जन के बाद सफाई ना किए जाने के संबंध में मीडिया में खबर प्रकाशित की गई थी। खारुन नदी के किनारे बने तालाब में मूर्तियों के विसर्जन के बाद अवशेष वहीं छोड़ दिए गए हैं। मूर्तियों की मिट्टी और संरचनाएं वहीं रखी हुई हैं। पानी सूख गया है और दलदल बन गया है। इलाके के बच्चे इस दलदली तालाब में उतरकर खेल रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में छोटी सी चूक भी खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। पीआईएल की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया में प्रकाशित तस्वीर में जल निकायों की बहुत ही दयनीय स्थिति दिखाई दे रही है, जिन्हें हर तरह के प्रदूषण से मुक्त रखने की जरूरत है।

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