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Bilaspur High Court: नाराज चीफ जस्टिस ने कहा-खुद से कुछ हो नहीं पा रहा है और अब बच्चों से मांग रहे आइडिया

Bilaspur High Court: सड़कों पर मवेशियों के जमावड़े को लेकर दायर जनहित याचिका पर बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों और कोर्ट कमिश्नरों से चीफ जस्टिस ने पूछा कि कलेक्टर ने कुछ योजना लांच की है। खुद से कुछ हो नहीं पा रहा है और अब बच्चों को इसमें इन्वाल्ब कर रहे हैं। बच्चों को पढ़ने लिखने दीजिए। पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं कर लेने दीजिए। जब साइंटिस्ट बना जाएं तो आइडिया देंगे।

Bilaspur High Court: नाराज चीफ जस्टिस ने कहा-खुद से कुछ हो नहीं पा रहा है और अब बच्चों से मांग रहे आइडिया
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। सड़कों पर मवेशियों के जमावड़े और लगातार हो रही दुघर्टनाओं को लेकर चीफ जस्टिस ने चिंता जताने के साथ ही अफसरों पर नाराजगी भी जताई। नाराज चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अफसरों से पूछा कि आखिर ऐसी क्या बात है कि समस्या का समाधान अब तक नहीं कर पाए हैं। फिर उन्होंने महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरों और कोर्ट कमिश्नरों से पूछ कि बिलासपुर कलेक्टर अब बच्चों से आइडिया मांग रहे हैं। बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं वही तो कर लेने दीजिए। बच्चों को इन्वालव्ब करने और आइडिया मांगने से क्या होगा। पढ़कर लिखकर साइंटिस्ट बन जाएं फिर आइडिया देंगे। चीफ जस्टिस की नाराजगी यहीं कम नहीं हुई। उन्होंने कहा कि खुद से तो कुछ हो नहीं पा रहा है और अब बच्चों से आइडिया मांग रहे हैं।

पीआईएल की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने प्रशासनिक अफसरों पर कुछ इस तरह की नाराजगी जाहिर की। उन्होंने महाधिवक्ता के अलावा अफसरों से पूछ कि मवेशियों को सड़क से दूर रखने और सुरक्षित जगह पर रखने में क्या दिक्कतें आ रही है। प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है क्या। अफसर क्या कर रहे हैं। लगातार दुघर्टनाएं घट रही है। मवेशियों के अलावा लोगों की जान भी जा रही है। इसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया जा रहा है। चीफ जस्टिस की नाराजगी खुलकर सामने आई। उन्होंने दोटूक कहा कि मवेशी मुक्त सड़कों की व्यवस्था हर हाल में सुनिश्चित की जाए।

विभागीय अफसरों की बेपरवाही पर जताई नाराजगी

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में पीआईएल की सुनवाई हुई। सीजे ने तखतपुर के बेलसरी गांव में 21 अक्टूबर की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जिसमें आठ मवेशियों की मौत हो गई। इस तरह की घटना दुखद के साथ ही अस्वीकार्य है। इसे रोकने के हर संभव प्रयास किऐ जाने चाहिए। डिवीजन बेंच ने कार्ययोजना बनाने और इस दिशा में गंभीरता के साथ काम करने का निर्देश दिया। सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए कार्ययोजना ना बनाने और बेपरवाही बरतने वाले अफसरों पर नाराजगी जताई।

एजी ने जब मांगा समय तो सीजे ने कुछ इस तरह की टिप्पणी

कार्ययोजना बनाने और इस दिशा में गंभीरता के साथ काम करने के संंबंध में जब सीजे ने राज्य शासन से जवाब के लिए 12 नंवबर की तिथि तय की तब महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने और समय देने की मांग की। इस पर सीजे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि तब तक और कितने मवेशियों की मौत होगी। सीजे ने पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि तय कर दी है। इसके पहले विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

कलेक्टर ने किया चैलेंज हैकथाॅन का शुभारंभ

सड़कों को मवेशी मुक्त कैसे बनाएं, छात्रों के आइडिया के लिए कलेक्टर अवनीश शरण ने मवेशी मुक्त सड़क चैलेंज हैकथाॅन लांच किया है। बिलासपुर स्मार्ट सिटी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में स्कूल-कालेज के छात्र भाग ले सकेंगे।

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