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Bilaspur High Court: हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: प्रभार देते वक्त वरिष्ठता और योग्यता का रखना होगा ध्यान...

Bilaspur High Court: बिलासपुर हाई कोर्ट का यह फैसला कर्मचारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर उनके लिए जिनके पास योग्यता और अनुभव होने के बाद भी राजनीति आड़े आ जाती है और जिस कुर्सी के हकदार होते हैं नहीं मिल पाता। ऐसे ही एक मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीडी गुरु ने अपने फैसले में लिखा है कि प्रशासनिक कामकाज के मद्देनजर प्रभार सौंपते वक्त वरिष्ठता और योग्यता का ध्यान रखना होगा। कोरबा जिले के विकासखंड करतला में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ बीएन यादव ने डीईओ के आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: प्रभार देते वक्त वरिष्ठता और योग्यता का रखना होगा ध्यान...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा है। डीईओ ने सीनियर लेक्चरर को प्रभारी प्रिंसिपल के पद से हटाते हुए उससे जूनियर लेक्चरर को पद सौंप दिया था। कोर्ट ने डीईओ के आदेश को खारिज कर दिया है। कोरबा जिले के विकासखंड करतला में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ बीएन यादव को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा एक आदेश जारी कर हटा दिया और उसकी जगह पर लेक्चरर सीएल पटेल, जो उससे जूनियर है प्रभारी प्राचार्य की जिम्मेदारी दे दी।

डीईओ के आदेश को चुनौती देते हुए बीएन यादव ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 2023 से प्रभारी प्राचार्य के पद पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी में कर्तव्यों का निर्वहन करते आ रहे हैं। विभिन्न प्रकार की अनियमितता बरतने की शिकायत प्राप्त होने पर जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने एक आदेश जारी कर उसे हटा दिया और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी का प्रभारी प्राचार्य का दायित्व सीएल. पटेल व्याख्याता को जिम्मेदारी सौंप दी।

मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए कहा कि डीईओ ने सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सरकुलर व गाइड लाइन का इस मामले में साफतौर पर उल्लंघन कर दिया है। अधिवक्ता सिद्धीकी ने बताया कि 16 मई 2012, 7 फरवरी 2013 तथा 14 जुलाई 2014 को सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन सरकुलर जारी किया था। सरकुलर में दी गई शर्तों व मापदंडों का डीईओ ने उल्लंघन कर दिया है।

जीएडी ने साफ कहा है, वरिष्ठता का रखना होगा ख्याल: डीईओ ने ऐसा नहीं किया

कोर्ट के समक्ष जीएडी के नियमों व सरकुलर का हवाला देते हुए अधिवक्ता सिद्धीकी ने कहा कि तय मापदंडों के अनुसार प्रशासनिक विभाग में वरिष्ठ पद पर चालू प्रभार सौंपने हेतु वरिष्ठता सह योग्यता के मापदंड को अनिवार्य रुप से अपनाना होगा।

इसके अलावा वरिष्ठता क्रम में ऊपर के अधिकारियों को प्रभार दिए जाने के संबंध में जारी निर्देश व तय मापदंडों का पालन अनिवार्य रूप से करने की हिदायत दी गई है। याचिकाकर्ता के मामले में डीईओ ने दोनों ही नियमों व दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर दिया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 18 जुलाई 2024 को डीईओ द्वारा जारी आदेश को रद्द कर दिया है।

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