Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: जेलों में कैदियों की स्थिति को लेकर हाई कोर्ट ने डीजी से ये कहा...

Bilaspur High Court: चीफ जस्टिस की डीबी ने डीजीपी को शपथ पत्र के साथ प्रदेश की जेलों व बंदियों की स्थिति को लेकर रिपोर्ट पेश करने कहा है। शपथ पत्र में इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का किस हद तक परिपालन किया जा रहा है।

Bilaspur High Court: जेलों में कैदियों की स्थिति को लेकर हाई कोर्ट ने डीजी से ये कहा...
X
By Sanjeet Kumar

Bilaspur High Court: बिलासपुर। जेलों में क्षमता से अधिक कैदी और उनके साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर तीन जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में एकसाथ सुनवाई हो रही है। हाई कोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश करने कहा है। शपथ पत्र में इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का किस हद तक परिपालन किया जा रहा है।

अधिवक्ता शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की मौजूदगी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। इसके कुछ समय बाद जेलों में कैदियों की अमानवीय परिस्थितियों को लेकर अलग से जनहित याचिका दायर की गई है। दो जनहित याचिकाओं के अलावा हाई कोर्ट के संज्ञान में भी यह बात आई कि जेल में बंद कैदियों की स्थिति अच्छी नहीं है। हाई कोर्ट ने इसे स्वत:संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है। तीनों जनहित याचिका की एकसाथ चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हो रही है।

हाईकोर्ट ने तब अधिवक्ता रणवीर मरहास को न्यायमित्र नियुक्त किया था * लगातार चल रही सुनवाई में पहले शासन ने बताया था कि, जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है। रायपुर व बिलासपुर के सेंट्रल जेलों में विशेष जेलों की स्थापना व बेमेतरा में ओपन जेल जल्द प्रारंभ करने की जानकारी राज्य शासन ने दी थी। राज्य शासन ने हाई कोर्ट को जानकारी दी थी कि रायपुर जिले में ओपन जेल बनाने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने छह साल पहले जारी किया था आदेश,स्थिति अब भी बेहतर नहीं

जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में हुई। अधिवक्ता सुनील पिल्लै ने कोर्ट को बताया कि जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने छह साल पहले आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का देश के सभी राज्यों में पालन किया जाना था। प्रदेश के जेलों में वर्तमान स्थिति उतनी बेहतर नहीं है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अमानवीय दशाओं और जेलों में बंदियों की संदिग्ध मौत के मामले का भी उल्लेख किया।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

Read MoreRead Less

Next Story