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Bilaspur High Court: हाईकोर्ट का निर्देश...: प्रिंसिपल, प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कर्मचारियों के लिए ये है अच्छी खबर

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने राज्य शासन को उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को 50 फीसद डिपाजिट राशि का चार महीने के भीतर भुगतान का निर्देश दिया है।

Bilaspur High Court: हाईकोर्ट का निर्देश...: प्रिंसिपल, प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर सहित कर्मचारियों के लिए ये है अच्छी खबर
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फ़ैसले ने हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में कार्यरत प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, लाइब्रेरियन सहित कमर्चारियों को राहत दी है। दरअसल कोर्ट ने कर्मचारियों के 50 फीसद डिपाजिट राशि जो राज्य शासन ने अपने खजाने में जमा कर रखा है, चार महीने के भीतर भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह राशि केंद्र सरकार की अंशदायी पेंशन योजना के तहत 50 फीसद की राशि राज्य सरकार आने खजाबे में जमा कराते रही है।

छत्तीसगढ़ शासन ने उच्च शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत प्राचार्य,प्राध्यापक ,सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारियों को 1.1.2016 से पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकृत किया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने 50 फीसद राशि प्रदान कर शेष 50 फीसद राशि को डिपॉजिट में जमा कर रख लिया है। याचिकाकर्ता ललित प्रसाद वर्मा, राजेश चतुर्वेदी व अन्य के द्वारा अधिवक्ता दीपाली पांडेय के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डिपॉजिट में जमा राशि प्रदान करने की मांग की है। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि 50 फीसद राशि केंद्र शासन द्वारा निर्धारित अंशदान दिए जाने के पश्चात ही प्रदान किया जाएगा।

याचिकाकर्ता की अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि केंद्र शासन का 50 फीसद निर्धारित अंशदान प्रतिपूर्ति नियम के तहत राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों को अंशदान प्रदान करने के पश्चात बिल जमा करने पर प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कर्मचारियों को उक्त राशि प्रदान न कर डिपॉजिट में रख लिया है। इसके चलते केंद्र सरकार के समक्ष बिल जमा नही कर सके। बिल जमा ना होने के कारण राशि केंद्र द्वारा जारी नहीं किया गया है।

केंद्र ने कहा-2022 में स्कीम कर दिया है समाप्त

केंद्र सरकार की ओर से पैरवी करते हुये ला अफसर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा समय पर बिल जमा नहीं किया गया है। ला अफसर ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने 2022 में स्कीम समाप्त कर दी गई है। लिहाहा केंद्र का अंशदान नही दिया जा सकता।

राज्य सरकार को देनी होगी 1,52,52,87,021 रुपये

मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट ने राज्य शासन को 50 फीसद केंद्रांश राशि स्वीकृत कर 1,52,52,87,021 रुपये जारी करने का निर्देश दिया है। उक्त राशि चार महीने के भीतर उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत राज्य के सभी कर्मचारियों को प्रदान करने कहा है।

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