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Bilaspur High Court: आखिर दो भाई-बहनों ने क्यों कहा,मां तुम्हारे साथ नहीं रहना.....हम रहेंगे तो

Bilaspur High Court: बच्चों की कस्टडी लेने आई मां को यह नहीं पता था कि बच्चे किस क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं,बच्चों ने जब सुनाया अपना फैसला तब हाई कोर्ट ने भी कुछ इसी अंदाज में अपना फैसला सुनाया। बच्चों की मर्जी के अनुसार पिता के साथ रहने की इजाजत देते हुए जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच ने मां की याचिका को खारिज कर दिया है।

Bilaspur High Court: आखिर दो भाई-बहनों ने क्यों कहा,मां तुम्हारे साथ नहीं रहना.....हम रहेंगे तो
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। 12 और 14 साल से पिता की परवरिश में पल रहे बच्चों को जब उसकी मां लेने पहुंची और साथ चलने कहा तो दोनों बच्चों ने मां के साथ जाने के लिए इंकार तो किया ही साथ ही पिता के साथ रहने दोनों भाई बहन ने अपना फैसला भी सुना दिया। बच्चों के इंकार करने के बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी अपना फैसला भी इसी अंदाज में याचिकाकर्ता मां को सुना दिया। पूरे मामले की खास बात ये कि डिवीजन बेंच ने हिन्दी में फैसला सुनाया है।

याचिकाकर्ता की खम्हरिया, बेमेतरा निवासी राजकुमार के साथ वर्ष 2008 में धमतरी के गायत्री मंदिर में हुआ था। वर्ष 2010 और 2012 में दो बेटे हुए। दोनों बच्चे अपने पिता के साथ थान खम्हरिया में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। याचिकाकर्ता महिला अपने मायके में रहती है। महिला ने वर्ष 2016 में फैमिली कोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 25 के तहत आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि पति जमीन और संपत्ति के लालच में मायके में घर जमाई बनकर रहा। बाद में उसकी 75 डिसमिल जमीन बेची और दोनों बच्चों को लेकर थान खम्हरिया अपने घर चला गया। याचिकाकर्ता ने अपने पति पर यह भी आरोप लगाया है कि ससुराल से जाने से पहले पति ने रिश्ते के भाई से 2 लाख रुपए उधार लिया था। जिसे वापस नहीं किया। याचिका के अनुसार वह शिक्षाकर्मी है। पति शराबी है। शराब के नशे में वह मारपीट करता है। रिश्ते के भाई के साथ अवैध संबंध का आरोप भी लगाकर मारपीट करते रहा है। उसे और उसकी मां को जान से मारने की धमकी भी देता था। दोनों बच्चे छोटे हैं। मां के संरक्षण की जरुरत है। लिहाजा बच्चों को अच्छी शिक्षा व परवरिश के लिए उसे सौंपने की मांग की।

पत्नी के आरोपों का पति ने किया खंडन

पत्नी के आरोपों को खारिज करते हुए पति ने कहा कि सास व पत्नी के रिश्ते का भाई उससे मारपीट करता था। घर से निकालने के बाद वह बच्चों को लेकर अपने गांव आ गया है। जमीन नहीं बेची है न ही 2 लाख रुपए उधार लिए हैं। वह सिलाई का काम करता है। दोनों बच्चे सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई कर रहे हैं। महिला ने कभी भी बच्चों से मिलने का प्रयास भी नहीं किया। बच्चे भी अपनी मां के साथ नहीं जाना चाहते।

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