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Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में बदहाल ट्रैफिक- कोर्ट कमिश्नर करेंगे पड़ताल और हाई कोर्ट को सौंपेंगे रिपोर्ट

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने खराब ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोर्ट कमिश्नरों को प्रदेशभर के ट्रैफिक सिस्टम की पड़ताल करने और रिपोर्ट पेश करने कहा है। इसके लिए डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों को 28 दिन का समय दिया है। पीआईएल की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ में बदहाल ट्रैफिक- कोर्ट कमिश्नर करेंगे पड़ताल और हाई कोर्ट को सौंपेंगे रिपोर्ट
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By Sanjeet Kumar

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने खराब ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोर्ट कमिश्नरों को प्रदेशभर के ट्रैफिक सिस्टम की पड़ताल करने और रिपोर्ट पेश करने कहा है। इसके लिए डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों को 28 दिन का समय दिया है। पीआईएल की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। बता दें कि पूर्व में राज्य शासन द्वारा पेश रिपोर्ट को नाकाफी बताते हुए डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताई थी। साथ ही कोर्ट कमिश्नरों ने पूरी रिपोर्ट पेश करने कहा था। सोमवार को पीआईएल की सुनवाई हुई।

प्रदेश की खराब ट्रैफिक सिस्टम के कारण हो रही सडक दुर्घटनाओं को लेकर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रुप में सुनवाई प्रारंभ की है। सडक पर आवारा मवेशियों के जमा होने से लेकर भारी वाहनों की चपेट में आकर मारे जा रहे मवेशियों का भी उल्लेख पीआईएल की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने किया था। आवारा मवेशियों की सुरक्षित जगह पर शिफ्टिंग के अलावा यातायात व्यवस्था की पड़ताल करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए अधिवक्ता प्रांजल अग्रवाल व रविंद्र शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया है। बीते सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नरों ने डिवीजन बेंच को बताया था कि बिलासपुर और आस – पास कई प्रमुख मार्गों पर निरीक्षण के बाद यह जानकारी मिली कि सडकों से मवेशियों को हटाने की कोई योजना ही नहीं है। सुबह जिन मवेशियों को हटाया जाता है , शाम को फिर वहीं पर वापस आ जाते हैं। जब तक नगर निगम, नगर पंचायत , पंचायत जैसे स्थानीय प्रशासन समुचित उपाय नहीं करेंगे इसका हल नहीं निकलेगा।

अस्पालों में पार्किंग ही नहीं,दुर्घटना की बड़ी वजह यह भी

कोर्ट कमिश्नरों ने रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया था कि शहर के भीतर संचालित हो रहे निजी अस्पतालों में पार्किंग ही नहीं है।अस्पताल आने वाले मरीज,परिजन व जान पहचान वाले वाहनों को सड़क किनारे पार्क कर दे रहे हैं। सड़कों के किनारे वाहनों को अव्यवस्थित रखने के कारण भी दुर्घटनाएं बढ़ रही है।

फुटपाथ पर कब्जा भी बड़ा कारण

रिपोर्ट में फुटपाथ पर कब्जा करने के कारण भी सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ाेतरी को कारण बताया है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन की विफलता को भी बडा़ कारण बताया है।

एनएचएआई की रिपोर्ट में पांच खतरनाक ब्लैक स्पाट

एनएचएआई के अफसरों ने बीते सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच को इस बात की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया था कि प्रदेश में पांच ऐसे खतरनाक ब्लैक स्पाट हैं जहां लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। एनएचएआई की रिपोर्ट में सेंदरी चौक भी शामिल है।

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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