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Bilaspur High Court: छत्‍तीसगढ़ के 55 पार वले सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए अच्‍छी खबर: हाईकोर्ट ने कहा...

Bilaspur High Court: हाई कोर्ट ने वित्त विभाग के एकाउंटेंट की याचिका को स्वीकार करते हुए शासन के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने पूर्व के जिले में पदस्थ करने का आदेश जारी किया है।

Bilaspur High Court: छत्‍तीसगढ़ के 55 पार वले सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए अच्‍छी खबर: हाईकोर्ट ने कहा...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के लिए यह राहत भरा फैसला हो सकता है। 55 वर्ष की उम्र पार करने वाले ऐसे कर्मचारी अधिकारियों का तबादला अनुसूचित व नक्सल प्रभावित इलाकों में नहीं किया जाएगा। एक याचिका की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन के आदेश पर रोक लगाते हुए याचिकाकर्ता को उनके पूर्व के जिले में पदस्थ करने का आदेश जारी किया है। बता दें कि यह सब राज्य शासन के सर्कुलर है। नियम व मापदंड पर आला अधिकारी गंभीरता के साथ ना तो अमल कर रहे हैं और ना ही इसका परिपालन करा रहे हैं।

महासमुंद निवासी कविता चिंचोलकर जिला महासमुंद में वित्त विभाग में लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ थी। पदस्थापना के दौरान 16 अगस्त 2024 को सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, वित्त विभाग, रायपुर द्वारा एक आदेश जारी कर कविता चिन्चोलकर का स्थानांतरण महासमुंद से जिला कांकेर कर दिया गया। राज्य शासन के आदेश को चुनौती देते हुए कविता ने अधिवक्ता अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं देवांशी चक्रवर्ती के माध्यम से हाई कोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की।

मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट के समक्ष पैरवी करते हुए अधिवक्ता पांडेय ने कहा कि वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 61 वर्ष एवं 07 (सात) माह है। 31 जनवरी 2025 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो जायेंगी। याचिकाकर्ता स्थानांतरित स्थल जिला कांकेर में ज्वानिंग देती है और ड्यूटी करती है तो उसे इस उम्र में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। अधिवक्ता ने कार्यालयीन कामकाज को लेकर कहा कि रिटायरमेन्ट के पश्चात् याचिकाकर्ता के समस्त सेवानिवृत्ति देयक पेंशन, ग्रेच्यूटी, अवकाश नगदीकरण एवं अन्य राशि प्राप्त करने में विलंब होगा।

राज्य शासन का यह है सर्कुलर

सामान्य प्रशासन विभाग, रायपुर द्वारा तीन जून 2015 को जारी सर्कुलर में यह प्रावधान किया गया है कि कोई महिला शासकीय कर्मचारी जिनकी उम्र 55 वर्ष के ऊपर हो चुकी है उन्हें अनुसूचित व नक्सल प्रभावित जिले में पदस्थ नहीं किया जायेगा। उक्त प्रावधान के बावजूद याचिकाकर्ता का अनुसूचित व नक्सल प्रभावित जिला कांकेर में पदस्थ कर विभागीय अफसरों ने शासन के निर्देशों का उल्लंघन किया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी तबादलाआदेश को निरस्त कर दिया है। याचिकाकर्ता को पुनः जिला- महासमुंद में पदस्थ करने का आदेश दिया है।

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