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Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा-समय पर जनरल इलेक्शन हो जाता है, आप कौंसिल का नहीं करा पा रहे हैं चुनाव

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल का बीते छह साल से चुनाव नहीं हो पाया है। निर्वाचित पदाधिकारियों के ना होने से अधिवक्ताओं के वेलफेयर से लेकर जरुरी काम अटका पड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इसे स्वत:संज्ञान में लेकर पीआईएल के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। बार कौंसिल आफ इंडिया, स्टेट बार कौंसिल व राज्य शासन के जवाब से नाराज चीफ जस्टिस ने कहा, समय पर जनरल इलेक्शन हो जाता है और आप हैं कि स्टेट बार कौंसिल का चुनाव नहीं करा पा रहे हैं। एक महीने के भीतर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करने कहा। डिवीजन बेंच ने स्टेट बार कौंसिल को चुनावी प्रक्रिया को लेकर शपथ पत्र के साथ जानकारी मांगी है। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि तय कर दी है।

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा-समय पर जनरल इलेक्शन हो जाता है, आप कौंसिल का नहीं करा पा रहे हैं चुनाव
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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल के चुनाव को लेकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य शासन के अलावा बार कौंसिल आफ इंडिया व स्टेट बार कौंसिल से दोटूक कहा कि हर हाल में एक महीने के भीतर चुनाव की प्रक्रिया पूरी करनी है। बार कौंसिल की ओर जब कहा गया कि रोडमैप तैयार कर रहे हैं तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें रोडमैप नहीं फैक्ट चाहिए। नाराज सीजे ने पूछा कि कब तक चुनाव पूरा हो जाएगा। कौंसिल की चुनावी प्रक्रिया को लेकर स्टेट बार कौंसिल से शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी पेश करने कहा है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि तय कर दी है। लिहाजा स्टेट बार कौंसिल को इससे पहले अपना जवाब पेश करना होगा।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की कड़ाई के चलते बीते छह साल से अटका पड़ा कौंसिल के चुनाव को लेकर अब सुगबुगाहट शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल में इनरोल प्रदेश के 35 हजार अधिवक्ताओं को मतदान का अवसर मिलेगा। खासकर युवा अधिवक्ताओं को जो बीते पांच वर्ष से मताधिकार का प्रयोग ही नहीं कर पाए हैं उनके लिए बेहतर अवसर होगा। शुक्रवार को जनहित याचिका की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने राज्य शासन,बार कौंसिल आफ इंडिया व छत्तीसगढ़ स्टेट बार कौंसिल के अधिवक्ताओं से पूछा कि कौंसिल का चुनाव कब तक करा रहे हैं। जब अधिवक्ताओं ने कानूनी बातें और अड़चनें गिनानी शुरू की तब चीफ जस्टिस सिन्हा नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि देश में जनरल इलेक्शन अपने समय पर हो जा रहा है और आप लोग हैं कि कौंसिल का इलेक्शन नहीं करा पा रहे हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा कि इसके पहले कौंसिल का चुनाव कब हुआ था। अधिवक्ताओं ने बताया पांच साल पहले।

नियमों को फंसाया पेंच तो सीजे ने पूछा नियम क्या है

अधिवक्ताओं ने बीते चुनाव में हुए विवाद को देखते हुए हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की देखरेख में चुनाव कराने की मांग की। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि नियम क्या है, नियमों में क्या लिखा है। अधिवक्ताओं ने बताया कि स्टेट बार कौंसिल के सचिव चुनाव प्रक्रिया पूरी कराते हैं। तब चीफ जस्टिस ने कहा सचिव चुनाव प्रक्रिया को पूरी कराएं। आगे देखेंगे।

समर वेकेशन से पहले होगा चुनाव

सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि मई से पहले कौंसिल का चुनाव हो जाए तब ठीक रहेगा। मई में समर वेकेशन लग जाएगा। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि चुनाव पहले हो जाएग। अधिवक्ताओं से कहा कि एक महीने के भीतर चुनाव पूरी करा लें। चीफ जस्टिस ने कहा कि कौंसिल चुनाव के लिए कौंसिल के सचिव निर्वाचन अधिकारी होंगे। स्टेट बार कौंसिल को चुनावी तैयारी के संबंध में शपथ पत्र के साथ जानकारी देने का निर्देश दिया है। इसके लिए एक सप्ताह की मोहलत दी है। अगली सुनवाई के लिए 18 फरवरी की तिथि तय कर दी है।

अधिवक्ताओं को हो रही ये परेशानी

बीते छह साल से अधिवक्ताओं के कल्याणकारी कार्य, अधिकारों की रक्षा, कानून सुधारों को बढ़ावा देना, सेमिनार का आयोजन जैसे काम नहीं हो पा रहा है। यह सब निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के ना होने के कारण बाधित हो रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बार कौंसिल के कार्यशील ना होने के कारण छत्तीसगढ़ परिषद, अधिवक्ताओं का प्रवेश, एनरोलमेंट बनाए रखना, कदाचार का निर्धारण, पत्रिकाओं का प्रकाशन, कानूनी सहायता का आयोजन, चुनावों के लिए प्रदान की गई निधि का प्रबंधन, विश्वविद्यालयों का दौरा, कल्याणकारी योजनाओं का आयोजन, विधि पुस्तकालयों की स्थापना आदि कार्य बंद पड़ा हुआ है। इसका सीधा असर अधिवक्ताओं पर पड़ रहा है।

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