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Bilaspur High Court: छात्रा पर रिलेशन के लिए दबाव बनाने वाले प्रोफेसर की याचिका हाई कोर्ट से खारिज, FIR रद्द करने से इंकार

Bilaspur High Court: अपने ही छात्रा पर शारीरिक संबंध का दबाव बनाने वाले इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के प्रोफेसर व एचओडी की याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। छात्रा के संगीन आरोप के बाद पुलिस ने प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए प्रोफेसर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

Bilaspur Highcourt News
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। खैरागढ़ इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व एचओडी को हाई कोर्ट से झटका लगा है। प्रोफेसर ने अपने खिलाफ एफआईआर और एट्रोसिटी के मामले को रद्द करने की मांग की थी। प्रोफेसर के खिलाफ छात्रा ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाई है। इसके एवज में परीक्षा फार्म और फीस में मदद करने का छात्रा को आफर दिया था।

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के थियेटर विभाग में वर्ष 2018-19 में पढ़ाई कर चुकी छात्रा कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन और मां के निधन के बाद आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई जारी नहीं रख सकी। जब उसने अपनी फीस और परीक्षा फॉर्म के संबंध में प्रोफेसर और एचओडी डॉ. योगेंद्र चौबे से जानकारी मांगी। इस पर उन्होंने शाम को घर आकर बात करने और रात बिताने की शर्त रखी। इंकार करने पर प्रोफेसर ने कथित तौर पर अशोभनीय टिप्पणी, डांट-फटकार और मिलने का दबाव डालते हुए उसे मानसिक रूप से परेशान किया। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने प्रोफेसर के खिलाफ भादवि की धारा 354, 354A, 354D, 506, 509 और एट्रोसिटी एक्ट की धारा 3 (1) (V) (A) 3 (1) (B) के तहत जुर्म दर्ज किया। जांच के बाद पुलिस ने एट्रोसिटी जज के कोर्ट में चालान पेश किया था।

पुलिस की कार्रवाई को चुनौती देते हुए प्रोफेसर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। याचिका में बताया कि तीन साल पहले छात्रा ने शिकायत की थी। शिकायत के तीन साल पुलिस ने उस पर कार्रवाई की है। यह पूरी तरह दुर्भावना से ग्रसित है और उसका करियर खराब करने की साजिश रची गई है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने माना कि प्रथम दृष्टया अपराध बनता है। हाई कोर्ट ने थाने में दर्ज एफआईआर, चालान और स्पेशल कोर्ट में चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इंकार करते हुए प्रोफेसर की याचिका खारिज कर दी है।

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