Bilaspur High Court: CG के स्कूलों में स्पेशल बच्चों को पढ़ाने नियुक्त होंगे स्पेशल एडुकेटर
Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में स्पेशल बच्चों के अध्ययन अध्यापन के लिए स्पेशल एडुकेटर की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इसी तरह का एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कुछ इस तरह की व्यवस्था दी है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद केंद्र सरकार ने RTE कानून में महत्वपूर्ण बदलाव भी कर दिया है। याचिका के दौरान इस बात की जानकारी याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को दी है।
Bilaspur High Court: बिलासपुर। प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इसी तरह के मामले की सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट से आने वाले फैसले का इंतजार करने की बात कहते हुए छह सप्ताह बाद सुनवाई करने का निर्णय डिवीजन बेंच ने लिया है।
आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन ने अधिवक्ता पलाश तिवारी के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि छत्तीसगढ़ में संचालित स्कूलों में राज्य सरकार स्पेशल एडुकेटर नियुक्त नहीं कर रही है। प्रदेश में 60 हजार से ज्यादा विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रदेश में 2021 तक सिर्फ़ 888 विशेष शिक्षक ही थे। याचिका में कहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से आज बड़ी संख्या में स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिए स्पेशल टीचर्स की ज़रूरत है।
बीते सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता तिवारी ने कोर्ट को बताया था कि यही मामला सुप्रीम कोर्ट भी दायर किया गया है। मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस रजनीश पाण्डेय ने सभी राज्य सरकारों को अपने स्कूलों में स्पेशल एडुकेटर नियुक्त करने का निर्देश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से इस संबंध में कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का अब तक नहीं हुआ पालन
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का छत्तीसगढ़ में बीते दो साल भी परिपालन नहीं हो पाया है। इसके चलते प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्पेशल बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। अधिवक्ता ने यह भी बताया कि स्पेशल बच्चों के माता-पिता भी सामान्य बच्चों के साथ अपने बच्चों को पढ़ाई कराने में असहज महसूस करते हैं।
RTE एक्ट में हुआ महत्वपूर्ण बदलाव
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने RTE एक्ट में महत्वपूर्ण बदलाव भी किया है। स्पेशल 10 बच्चों के पीछे एक स्पेशल एडुकेटर की नियुक्ति की जाएगी। जो पहली से आठवीं तक के कक्षाओं के लिए अनिवार्य होगा। नवमीं से 12 वीं पढ़ने वाले ऐसे स्पेशल 15 बच्चों के पीछे एक स्पेशल एडुकेटर की नियुक्ति की जानी है।
शासन की ओर पैरवी कर रहे ला अफसर ने दी कुछ ऐसी जानकारी
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है। शासन के द्वारा दी गई जानकारी के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का इंतजार करेंगे। कोर्ट ने छह सप्ताह बाद सुनवाई करने का निर्णय लिया है।