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Bilaspur High Court: बीजेपी की मेयर पद की प्रत्‍याशी विधानी की जाति मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई: कोर्ट ने मांगा जवाब, अब तीन सप्‍ताह बाद होगी सुनवाई

Bilaspur High Court: बिलासपुर नगर निगम से भाजपा की महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी की ओबीसी जाति का मामला तूल पकड़ लिया है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूजा विधानी सहित प्रमुख पक्षकारों को जवाब पेश करने का समय दिया है।

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Bilaspur High Court

By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम से भाजपा की महापौर पद की प्रत्याशी पूजा विधानी की ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद पूजा विधानी सहित प्रमुख पक्षकारों ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट ने मोहलत दे दी है। मामले की अगली सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।

नामांकन पत्रों की जांच के बाद कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी प्रमोद नायक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति पेश करते हुए पूजा विधानी के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र की सत्य प्रतिलिपि की मांग की थी, साथ ही गलत जाति प्रमाण पत्र पेश करने के तहत नामांकन को रद्द करने की मांग की थी। कांग्रेस प्रत्याशी की आपत्ति को स्वीकार करते हुए निर्वाचन अधिकारी ने शाम पांच बजे सुनवाई के लिए समय तय किया था। तय समय पर आरओ ने सुनवाई प्रारंभ की। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आरओ ने प्रमोद नायक की आपत्ति को खारिज कर दिया था।

बसपा प्रत्याशी मौर्य ने दायर की याचिका

निर्वाचन अधिकारी द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी नायक की आपत्ति को आरओ द्वारा खारिज करने के बाद दूसरे दिन बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग की मांग करते हुए याचिका दायर की। मामले की सुनवाई के दौरान पता चला कि अपनी याचिका में उन्होंने निर्वाचन अधिकारी को पक्षकार नहीं बनाया है। चूक सामने आने के बाद याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका वापस लेने की अर्जी लगाई। हाई कोर्ट ने संशोधन याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की छूट दी थी।

संशोधन याचिका पर हुई सुनवाई

बसपा प्रत्याशी मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से संशोधन याचिका दायर की। याचिका में निर्वाचन अधिकारी व पूजा विधानी को प्रमुख पक्षकार बनाया है। याचिकाकर्ता ने निर्वाचन अधिकारी पर आरोप लगाया है कि भाजपा केंडिडेट पूजा विधानी द्वारा ओबीसी जाति के संबंध में पेश जाति प्रमाण प्रमाण की सत्यप्रतिलिपि मांगे जाने के बाद भी उपलब्ध नहीं कराया है। ऐसा कर निष्पक्ष निर्वाचन के आयोग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया है। याचिकाकर्ता ने निर्वाचन अधिकारी पर पक्षपात का आरोप लगाया है।

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