Bilaspur High Court: बीजेपी की मेयर प्रत्याशी के नामांकन को हाईकोर्ट में चुनौती: जानिये.. किस आधार पर दायर की गई है याचिका
Bilaspur High Court: बिलासपुर नगर निगम से भाजपा की महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी की जाति का मामला छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पहुंच गया है। बसपा के महापौर पद के उम्मीदवार आकाश मौर्य ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के तहत याचिका दायर कर सुनवाई की मांग की है। पढ़िए याचिकाकर्ता ने पूजा विधानी की जाति को लेकर क्या कहा है।

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव का माहौल अब बनने लगा है। इसी अंदाज में सियासत भी गरमाने लगी है। बिलासपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा ने महापौर के लिए महिला मोर्चा की पदाधिकारी पूजा विधानी को उम्मीदवार बनाया है। पूजा विधानी की ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद गहराने लगा है। बसपा के महापौर प्रत्याशी आकाश मौर्य ने अपने अधिवक्ता के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अर्जेंट हियरिंग की मांग की है। याचिकाकर्ता ने पूजा की ओबीसी जाति को लेकर आपत्ति दर्ज कराने के साथ ही नामांकन को रद्द करने और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में आरओ पर आरोप लगाया है कि नामांकन पत्रों की जांच से पहले अपने अधिवक्ता के माध्यम से भाजपा प्रत्याशी द्वारा ओबीसी जाति के संबंध में पेश किए गए दस्तावेजों की मांग की थी। निर्वाचन अधिकारी ने दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया है। निर्वाचन अधिकारी का यह आचरण समझ से परे है। ऐसा कर उन्होंने आयोग के निश्पक्ष चुनाव कराने की मंशा पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस ने लगाए थे आरोप, जताई थी आपत्ति
नामांकन पत्रों की जांच के दिन कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद नायक ने आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके अलावा कोटा के विधायक अटल श्रीवास्तव ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए भाजपा प्रत्याशी के ओबीसी जाति प्रमाण की जांच में निर्वाचन अधिकारी द्वारा भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया था। कांग्रेस की आपत्ति आरओ द्वारा खारिज करने के बाद कांग्रेस ने इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी।