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Bilaspur High Court: अफसरों के शपथ पत्र की होगी जांच: हाईकोर्ट ने दिया कोर्ट कमिश्‍नरों को निर्देश..

Bilaspur High Court: CG के आंगनबाड़ी केंद्रों में नौनिहालों के भोजन में डंडी मारने वाले कर्मचारियों व अफसरों की हकीकत जल्द ही हाई कोर्ट के सामने आने वाली है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर कोर्ट कमिश्नरों ने प्रदेश के उन आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच की है जहां बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली थी। कोर्ट के निर्देश पर अफसरों ने शपथ पत्र के साथ जानकारी सौंपी है। चीफ जस्टिस ने केंद्रों की पड़ताल करने वाले कोर्ट कमिश्नरों को शपथ पत्र में दी गई जानकारी की पड़ताल करने और वास्तविक रिपोर्ट पेश करने कहा है। कोर्ट कमिश्नरों की एंटी रिपोर्ट अफसरों के लिए परेशानी का सबब भी बनेगी।

Bilaspur High Court: अफसरों के शपथ पत्र की होगी जांच: हाईकोर्ट ने दिया कोर्ट कमिश्‍नरों को निर्देश..
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों में राज्य शासन के तय मापदंडों के अनुसार बच्चों को भोजन दिया जा रहा है या नहीं, इस संबंध में हाई कोर्ट के निर्देश पर मंगलवार को सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग ने शपथ पत्र के साथ डिवीजन बेंच के समक्ष जानकारी पेश की है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच ने सचिव द्वारा पेश रिपोर्ट का विस्तृत अध्ययन करने का निर्देश कोर्ट कमिश्नरों को दिया है। कोर्ट कमिश्नरों से डिवीजन बेंच ने कहा है कि मौका मुआयना के दौरान उन्होंने जो कुछ देखा,रिपोर्ट का अध्ययन करें और विस्तृत रिपोर्ट पेश करे। कोर्ट के इस रूख से इस बात की संभावना भी देखी जा रही है कि कोर्ट कमिश्नरों की एंटी रिपोर्ट से अफसरों की परेशानी बढ़ेगी।

दुर्ग जिले की आंगनबाड़ी में बच्चों को फल, दूध नहीं दिए जाने को लेकर मीडिया में खबर का प्रकाशन किया गया था। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इसे गंभीरता से लेते हुए पीआईएल के रूप में रजिस्टर्ड करने रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय को निर्देशित किया था। मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में जनहित याचिका की सुनवाई हुई। सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग ने शपथ पत्र के साथ जानकारी पेश की है। चीफ जस्टिस ने कोर्ट कमिश्नरों को अपनी रिपोर्ट से सचिव महिला बाल विकास विभाग द्वारा पेश की गई जानकारी का तुलनात्मक मिलान करने को कहा है। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 12 दिसंबर की तिथि तय कर दी है।

बता दें कि मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एडवोकेट अमियकांत तिवारी, सिध्दार्थ दुबे, आशीष बेक व ईशान वर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर आांगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव सहित विभागीय अधिकारियों को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया था।

सूरजपुर,कवर्धा और बस्तर में भी मिली थी गड़बड़ी

दुर्ग के मामले को लेकर पीआईएल पर सुनवाई चल रही थी,इसी दौरान सूरजपुर,कवर्धा और बस्तर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी गड़बड़ी की खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई थी। इन जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल के लिए डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों को निर्देश दिया था साथ ही पीआईएल में इन जिलों के मामलों को भी मर्ज करने का निर्देश दिया था।

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