Begin typing your search above and press return to search.

Bilaspur High Court: 55 पार कर्मचारियों का नक्सल क्षेत्र में नहीं होगा तबादला

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य शासन के उस तबादला आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमे 55 पार एक अफसर का तबादला नक्सल एरिया में कर दिया था।

Bilaspur High Court: 55 पार कर्मचारियों का नक्सल क्षेत्र में नहीं होगा तबादला
X
By Radhakishan Sharma

Bilaspur High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य शासन के उस तबादला आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमे 55 पार एक अफसर का तबादला नक्सल एरिया में कर दिया था। कोर्ट ने राज्य शासन के एक सर्कुलर को आधार बनाया है। शासन का सर्कुलर है कि शासकीय सेवक 55 वर्ष से अधिक की उम्र पार चुके है उन्हें घोर अनुसूचित जिले में पदस्थ नहीं किया जायेगा।

विकास विहार कॉलोनी महादेवघाट रोड रायपुर निवासी सरोज वर्मा महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान दुर्ग में प्रशिक्षण अधीक्षक के पद पर पदस्थ थे। उनकी पदस्थापना के दौरान सचिव तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग रायपुर ने एक आदेश जारी कर सरोज वर्मा का स्थानांतरण अनुसूचित एवं नक्सली जिला बीजापुर कर दिया ।

उक्त स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए अधीक्षक सरोज वर्मा ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की है।

मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट के सामने पैरवी करते हुए अधिवक्ता पाण्डेय ने शासन के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि छग शासन सामान्य प्रशासन विभाग रायपुर द्वारा 03.06.2015 को जारी सर्कुलर के पैरा 1.5 के तहत् जो शासकीय सेवक 55 वर्ष से अधिक की उम्र पार चुके है उन्हें घोर अनुसूचित जिले में पदस्थ नहीं किया जायेगा। अधिवक्ता पांडेय ने कहा कि वर्तमान में याचिकाकर्ता की उम्र 60 वर्ष एवं 4 माह है, इसके बावजूद राज्य शासन ने उनका स्थानांतरण घोर अनुसूचित नक्सली जिला बीजापुर कर दिया गहै, जो कि 03.06.2015 को जारी नियम के के पैरा 1.5 का घोर उल्लंघन है।

मिर्गी की बीमारी से ग्रसित है याचिकाकर्ता

अधिवक्ता पांडेय ने कोर्ट को बताया कि जुलाई- अगस्त 2024 की मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता मिर्गी (EPILEPTIC ACTIVITY) की गंभीर बीमारी से ग्रस्त है एवं याचिकाकर्ता के रिटायरमेन्ट को सिर्फ एक वर्ष एवं 08 माह शेष है ऐसी स्थिति में गंभीर अनुसूचित, नक्सली जिला बीजापुर में ज्वाईन करने से याचिकाकर्ता को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

शासन के आदर्श पर हाई कोर्ट की रोक

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आडेज़ह पर रोक लगा दी है।

Next Story